उत्तर प्रदेश में आज 20 नवंबर को 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग (EC) को चिट्ठी लिखकर मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। सपा ने कहा कि मतदान के दौरान बुर्का हटाकर चेकिंग न की जाए। पार्टी का दावा है कि इस तरह की चेकिंग से महिलाएं डरती हैं और मतदान के लिए नहीं आतीं। इस मांग के बाद अब यूपी की सियासत गरमा गई है। इस आर्टिकल में जानिए पूरा मामला।
दावा: बुर्का हटाने पर डरती हैं मुस्लिम महिलाएं
समाजवादी पार्टी ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि पुलिस को बुर्का हटाने की चेकिंग का अधिकार नहीं दिया जाए। पार्टी ने तर्क दिया कि मुस्लिम महिलाएं इस चेकिंग से डर जाती हैं। ऐसा होने पर मुसलमान महिलाएं की वोटिंग प्रभावित होती है। समाजवादी पार्टी (SP) ने यह भी कहा कि अगर महिलाएं बुर्का पहनकर वोट डालती हैं तो उन्हें रोका नहीं जाए। पहचान पत्र (ID card) की जांच के दौरान महिलाओं की गरिमा का पूरा ध्यान रखा जाए।

भाजपा ने सपा के तर्क को नकारा  
सपा की इस मांग के बाद उपचुनाव से पहले सियासी घमासान तेज हो गया है। भाजपा (BJP) ने इस मुद्दे पर पहले भी कड़ा रुख अपनाया है। भाजपा की मांग रही है कि बुर्का पहनने वाली महिला वोटर्स की सही जांच होनी चाहिए। 2019 के लोकसभा चुनावों में भी दिल्ली भाजपा की यूनिट ने चुनाव आयोग से ऐसी ही मांग की थी। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।

दिल्ली चुनाव में भी उठा था यह मुद्दा  
दिल्ली भाजपा के नेताओं ने 2019 में मुख्य चुनाव अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। इसमें कहा गया था कि पुलिस अधिकारियों को मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनने वाली या नकाब लगाने वाली महिलाओं की जांच कड़ाई से करनी चाहिए। भाजपा का तर्क था कि इस कदम से फर्जी मतदान पर रोक लगेगी। हालांकि, सपा का कहना है कि ऐसे नियम मुस्लिम महिलाओं को डराने के लिए हैं। इससे मुस्लिम महिलाओं के मतदान अधिकार को कमजोर करने के लिए हैं।