
नई दिल्ली। राजस्थान में सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कैबिनेट मीटिंग हुई। मंत्रिमण्डल बैठक में प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देने के लिए 9 नई नीतियों के अनुमोदन समेत कई अहम फैसले लिए गए। साथ ही 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन को लेकर भी भजनलाल सरकार ने बड़ी जानकारी दी है। नगरपालिकाओं के कर्मचारियों और पंचायती राज संस्थाओं को भी 7वें राज्य वित्त आयोग का फायदा मिलेगा।
उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के लिये 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस आयोग के अवार्ड का समय 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगा।डॉ बैरवा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की वेतन विसंगति दूर करने, वेतन सुधारों और पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने संबंधी सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है।यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके वेतन और प्रमोशन संबंधी समस्याओं को हल करने में मदद करेगा। इस सिफारिशों के लागू होने से कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर किया जाएगा और उन्हें पदोन्नति के लिए अधिक अवसर मिलेंगे, जिससे उनके कार्य करने की प्रेरणा बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान यह घोषणा की थी कि वेतन विसंगतियों और वेतन सुधार से संबंधित सिफारिशों को इसी साल 1 सितम्बर से लागू किया जाएगा। यह कदम राज्य सरकार के कर्मचारियों के हित में उठाया गया है, जिससे उन्हें बेहतर वेतन संरचना और पदोन्नति के लिए अधिक अवसर मिलेंगे।