जांजगीर-चांपा। नहरिया बाबा मार्ग में नहर किनारे की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने की होड़ मची हुई है। सिंचाई विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर लोग पक्का मकान बना रहे हैं मगर राजस्व और सिंचाई विभाग के अधिकारी आंख मुंदकर बैठे हुए हैं। अधिकारियों के आंखों के सामने अतिक्रमण हो रहा और वे कुछ नहीं कर रहे हैं। जल संसाधन विभाग नोटिस की औपचारिकता निभा रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारियों के पास कार्रवाई के लिए समय नहीं है और नगर पालिका को इससे कोई सरोकार नहीं है। जबकि कलेक्टर समय सीमा की बैठक में अवैध अतिक्रमण और प्लाटिंग पर कार्रवाई करने के निर्देश देते थक नहीं रहे हैं। मगर कलेक्टर के निर्देश के बाद भी कार्रवाई नहीं होना अधिकारियों की निष्क्रितया को प्रदर्शित करता है।
जिला मुख्यालय जांजगीर के बीच से बड़ी नहर गुजरी है। इस नहर के दोनों ओर पार बनाए गए हैं। नहरिया बाबा के भक्तों के मंदिर जाने के लिए सीसी रोड भी बनाई गई है। इस सडक़ पर लोगों की नजर लग गई है। मुख्य मार्ग से नहरिया बाबा मंदिर की ओर जाने वाले नहर किनारे की जमीन पर वहां रहने वाले लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। अतिक्रमण कारियों ने नगरपालिका के द्वारा बरसाती पानी को बाहर निकालने के लिए बनाई गई नाली पर भी कब्जा कर लिया है। नाली के ऊपर ढलाई कर कालम खड़ाकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इसके अलावा नहर से लगी हुई सिंचाई विभाग की जमीन को भी लोगों ने नहीं छोड़ा है। यहीं पर से पालिका द्वारा नगर के बरसाती पानी को निकालने के लिए नाला भी बनाया गया है। इस नहर के नीचे जमीन खरीदने वालों ने जमीन तो निजी व्यक्ति से खरीदी। जब खरीदी तो नहर की हद की जमीन व पालिका के नाले से दूर अपना घर बनाया। बाद में इस जमीन पर आस पास में घर बनाकर रहने वाले लोगों की नजर लग गई है।
निस्तारी के लिए पालिका द्वारा बनाई गई नाली को पाटकर अपने लिए आने जाने का रास्ता बना लिया है, तब किसी ने आपत्ति नहीं जताई जिसके कारण ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हो गए हैं। अब नहर की जमीन पर और नाली के ऊपर स्लैब बनाकर पक्का मकान बनाया जा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारी सब देख रहे हैं पिुर भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। वे कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों की मुंह ताक रहे हैं। जबकि उधर राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है जल संसाधन विभाग यह निर्धारित करें कि कब कार्रवाई करनी है वे तैयार हैं। जबकि उधर कलेक्टर समय सीमा की बैठक में अवैध अतिक्रमण और प्लाटिंग पर कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को देते थक नहीं रहे हैं। कलेक्टर के निर्देश के बाद भी कार्रवाई नहीं होना अधिकारियों की निष्क्रितया को प्रदर्शित करता है। लोगों ने सिंचाई विभाग की जमीन पर अपने घरों का बाउंड्रीवाल और सीढिय़ों का निर्माण किया है। कुछ मकान मालिकों ने 5 फीट तो कुछ ने 10 से 15 फीट सिंचाई विभाग की जमीन को अपने कब्जे में कर रखा है।
नोटिस के चार साल बाद भी कार्रवाईनहीं
अक्टूबर 2021 में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने नहरपुल से लेकर नहरिया बाबा तक विभाग के जमीन की नापजोख की थी। इस रास्ते में करीब 50 से अधिक मकान बने हैं जिन्होंने या तो बेजा कब्जा कर घर बना लिया है या फिर दूसरों की देखा देखी बाउंड्रीवाल खड़ी कर दी है। सिंचाई विभाग के उप अभियंता के एस तंवर की टीम ने 23 और 24 अक्टूबर 2021 को नाप जोख करते हुए अतिक्रमण हटाने के लिए करीब 50 घरों को चिन्हित किया था। सिंचाई विभाग की जमीन नहर के बीच से लेकर दाहिनी तट पर कुल 93 फीट है। वहीं कोपिंग से 57 फीट नाप कर अवैध कब्जे पर मार्क किया गया था। मगर चार साल बाद भी जल संसाधन विभाग के जमीन पर हुए अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
फिर थमाएं हैं 35 लोगों को नोटिस
जल संसाधन और राजस्व विभाग अतिक्रमण कारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय नोटिस नोटिस खेल रहे हैं। उधर राजस्व विभाग सरकारी जमीन में अतिक्रमण और अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करना छोडक़र नोटिस देने की औपचारिकता निभा देती है। वहीं जल संसाधन विभाग कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों की मुंह ताकते रहते हैं। जल संसाधन विभाग ने चार साल बाद एक बार फिर 35 अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाया है। वहीं राजस्व विभाग और नगर पालिका ने कलेक्टर के निर्देश पर एक दिन अभियान चलाकर अवैध प्लाटिंग और सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की औपचारिकता पूरी करने के बाद अभियान ठंडा पड़ गया है। जबकि कलेक्टर समय सीमा की बैठक में अवैध अतिक्रमण और प्लाटिंग पर कार्रवाई करने के निर्देश देते थक नहीं रहे हैं।
आठ साल पहले हटाया गया था अतिक्रमण
नहर किनारे हुए अतिक्रमण हटाने की मांग करते हुए आठ साल पहले उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई थी। जिस पर तत्कालीन कलेक्टर ओपी चौधरी ने जांजगीर एसडीएम व नगरपालिका के सीएमओ को नहर किनारे से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नगरपालिका द्वारा अतिक्रमण करने वाले करीब 30 लोगों को नोटिस दी गई थी। नोटिस के बाद भी जब लोगों ने कब्जा नहीं छोड़ा तो तत्कालीन एसडीएम आशीष टिकरिहा, तहसीलदार मोनिका वर्मा, सीएमओ सौरभ शर्मा और नगरपालिका के तोडू दस्ता द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी। मगर आठ सालों के बाद स्थिति पिुर जस की तस हो गईहै।
विभाग की जमीन पर कब्जा करने वाले 35 अतिक्रमणकारियों को नोटिस दी गई है। राजस्व विभाग और नगर पालिका और पुलिस प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
पीके तिवारी
एसडीओ, जल संसाधन विभाग जांजगीर