नईदिल्ली, ११ फरवरी । राज्यसभा में शनिवार को उस समय जमकर हंगामा हुआ, जब अपने दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को दिए गए भारत रत्न पर मोदी सरकार का आभार जताने के राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयन्त चौधरी खड़े हुए। कांग्रेस ने उनके बोलने को लेकर सवाल खड़े किए और सभापति से पूछा उन्हें किस नियम के तहत बोलने का मौका दिया गया है। उन्हें लेकर तीखे तंज भी कसे और कहा कि वह यहां क्यों बैठे हैं और जाओ उधर ही बैठो। इस दौरान उन्हें लेकर कई और अपमानजनक बातें भी कही गईं। इसके बाद तो सभापति ने विपक्ष के इस रवैये को लेकर तीखी नाराजगी जताई और कहा कि चरण सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं, सत्ता पक्ष ने विपक्ष के इस रवैये को किसान विरोधी बताते हुए इस मुद्दे पर उनकी जमकर हूङ्क्षटग भी की। जयन्त चौधरी को लेकर विपक्ष की यह तल्खी तब देखने को मिली, जब वह आईएनडीआईए गठबंधन का साथ छोड़कर राजग के साथ जाने के संकेत दे रहे हैं।शनिवार को जब जयन्त को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की और कहा कि जमीन से जुड़ी सरकार ही चौधरी चरण सिंह जैसे नेताओं को भारत रत्न दे सकती है। इस सरकार का कामकाज और नीतियां भी चौधरी चरण सिंह के सोच से मिलती हैं।हालांकि जैसे ही उन्होंने बोलना शुरू किया तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति से पूछा कि किस नियम के तहत इन्हें बोलने का मौका दिया गया है। जयराम रमेश और प्रमोद तिवारी ने भी जयंत चौधरी को लेकर गंभीर टीका-टिप्पणी की।इसके बाद सभापति धनखड़ ने गंभीर नाखुशी जताई और सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष की इसको लेकर तीखी आलोचना की और कहा कि यह चौधरी चरण सिंह, नरसिंह राव और स्वामीनाथन का अपमान है क्योंकि जब सदन में उन्हें सम्मान दिया जा रहा है तो कांग्रेस उसे रोक रही है।उन्होंने इसे विपक्ष का किसान विरोधी रवैया बताया। इस बीच पूरे मामले को तूल पकड़ता देख कांग्रेस भी बचाव में आ गई। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि वह खुद चौधरी चरण सिंह, नरसिंह राव और स्वामीनाथन को सैल्यूट करते हैं। इन सभी को भारत रत्न दिए जाने पर सभी को खुशी है, लेकिन इसे लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए।इस हंगामे के बाद जयन्त चौधरी को फिर से बोलने का मौका दिया गया। उन्होंने विपक्ष के हंगामे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि अफसोस है कि चौधरी चरण सिंह जैसी शख्सियत को एक गठजोड़ के टूटने-बनने या चुनाव जीतने- हारने तक ही देख रहे हैं। चौधरी चरण सिंह किसी एक के नहीं थे, बल्कि उन सभी के थे जो उनके सोच से जुड़े हैं। जयन्त ने कहा- यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है। जाहिर है मुझे खुशी होगी।भारत रत्न देने का सम्मान केवल चरण सिंह के परिवार तक ही सीमित नहीं है। यह निर्णय किसानों, मजदूरों और समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाएगा। चुनाव आते-जाते रहते हैं। कम से कम चरण सिंह का तो सम्मान करें। रालोद प्रमुख ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी गांवों में शौचालयों और महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता की बात करते हैं तो उन्हें अपने दादा चौधरी चरण सिंह के शब्द याद आते हैं।दे दूंचौधरी चरण सिंह को दिए गए भारत रत्न को लेकर उनके पौत्र जयन्त चौधरी को राज्यसभा में बोलने न देने और उन्हें लेकर की गई असंसदीय टिप्पणियों से सभापति धनखड़ काफी नाराज दिखे। उन्होंने कहा- हम चौधरी चरण सिंह का अपमान नहीं सहन करेंगे। मैं अपने पुत्र के निधन पर भी इतना दुखित नहीं हुआ था, जितना आज दुखित हूं। एक समय तो मेरे मन में आया कि मैं तुंरत त्याग पत्र दे दूं।’इस दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के साथ ही जयराम रमेश और प्रमोद तिवारी के व्यवहार पर नाखुशी जताई और कहा कि मैं किसान वर्ग से आता हूं इसका मतलब यह नहीं कि मैं कमजोर सभापति हूं। धनखड़ ने जयन्त के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए जयराम रमेश की ङ्क्षखचाई करते हुए कहा कि आप श्मशान भूमि पर भी दावत करने वाले व्यक्ति है। यह सच बात है कि आप अपने इस कदाचार के लिए संसद के उच्च सदन में रहने के लायक नहीं हैं।