जांजगीर – चांपा। बारूद एवं पटाखा भंडारण व विक्रय के लिए कड़े नियम कानून होने के बावजूद शहर समेत जिले में इनकी धज्जियां उड़ रही हैं। कई ऐसे व्यापारी हैं, जिन्होंने अपने गोदाम, रिहायशी इलाकों में पटाखों का भंडारण कर रखे हैं।
वहीं कुछ लोग शहर की घनी आबादी के बीच स्थित मकानों में भंडारण करके रखे हैं। मगर पुलिस व प्रशासन के पास अभी इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए समय नहीं है। जब दीपावली का त्योहार नजदीक आएगा तब ये कार्रवाई करेंगे।
जिले में करीब दर्जनभर स्थायी पटाखा लाइसेंसी हैं, जो साल भर बारूद एवं पटाखों का कारोबार करते हैं। इनमें से कुछ व्यापारी ऐसे हैं जो हमेशा अपने घर में बड़ी मात्रा में पटाखा भंडारण कर रखे रहते हैं। इनके अलावा दीपावली के मद्देनजर हर साल शहर में कुछ दिनों के लिए पटाखा दुकान लगाने के लिए अस्थायी लाइसेंस भी लेते हैं। अब तक जांजगीर शहर के लिए करीब 60 व्यापारियों ने अस्थायी लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन दिए हैं।
दीपावली के लिए इन सारे व्यवसायियों ने पटाखों का भारी मात्रा में स्टाक जमा कर लिया है, पर लाइसेंस में उल्लेखित क्षमता और शर्तों के अनुसार इनका वेरिफिकेशन करने प्रशासन को समय नहीं मिल रहा है। जिला मुख्यालय में ही स्टेशन रोड से कचहरी चौक तक आधा दर्जन स्थायी लाइसेंसधारी हैं, जिनके आसपास होटल, इलेक्ट्रानिक दुकान और रेस्टारेंट संचालित है। जिनके पास स्थाई लाइसेंस हैं,
वे नियम-कानून को धता बताते हुए घनी बस्ती के भीतर ही पटाखा स्टोर कर रखे हैं। मेन मार्केट के अंदर छोटे-छोटे गोदामों में विस्फोटक पदार्थ भरा पड़ा है। सुरक्षा के लिए न तो रेत है और न ही फायर ब्रिगेड की व्यवस्था। जिला मुख्यालय के अलावा अकलतरा, चांपा, शिवरीनारायण सहित अन्य नगरों में भी यही हाल है।
आबादी के बीच गोदाम होने से हर पल हादसे का भय बना रहता है। ऐसे में हल्की सी चिंगारी से पूरा शहर तबाह हो जाएगा। यदि कोई अप्रिय स्थिति हो जाए तो गलियों के संकरी होने के कारण अग्निशमन वाहन भी नहीं घुस सकता। इस साल अब तक बिना लाइसेंस व ज्यादा मात्रा में पटाखा रखने वालों पर प्रशासन व पुलिस की टीम कार्रवाई करना तो दूर निरीक्षण करने तक नहीं पहुंची है।
शहर के घनी आबादी में धड़ल्ले से पटाखा का कारोबार चल रहा है। जबकि इनको शहर के बाहर का लाइसेंस दिया जाता है। इनमें स्टेशन रोड नैला, आनंद होटल के पास, कचहरी चौक सहित अन्य जगहों की गोदामों में पटाखों का भंडारण करना बताया है, पर स्थिति इसके विपरीत है। अधिकांश बड़े व्यापारियों के पटाखे शहर के भीतर ही पड़े हैं। फुटकर अस्थायी व्यवसायियों ने भी अपनी सुविधानुसार खाली मकानों या अपने ही घरों के कमरों में पटाखों का स्टाक कर रखा है, जहां सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में एक हादसा कई लोगों की जान को मुसीबत में डाल सकता है।
स्थाई लाइसेंस की नहीं होती समीक्षा
जिले में कई व्यवसायियों को वर्षों पहले पटाखा बेचने के लिए स्थाई लाइसेंस दिए गए हैं। मगर जिस स्थान के लिए उनकों लाइसेंस जारी किया गया है वह स्थान अब समय के साथ भीड़ भाड़ और रिहायशी स्थान में बदल गया है। ऐसे में इन स्थानों पर पटाखों का भंडारण जोखिम भरा है मगर वर्षों बाद भी स्थाई लाइसेंस की समीक्षा अधिकारी नहीं करते। इसके चलते शहर के बीचो बीच हजारों क्विटल विस्फोटक जमा रहता है जो कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
जल्द ही टीम तैयार कर पटाखा विक्रेताओं के लाइसेंस और भंडारण की जांच की जाएगी। अवैध रूप सेभंडारण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ममता यादव
एसडीएम, जांजगीर