
कोरबा। पावर सिटी में रेल सेवाओं की दुर्गति होने के कारण जहां लोग परेशान हैं वहीं इसका भरपूर फायदा ट्रैवल्स टिकट इंस्पेक्टर उठा रहे हैं। समय सारिणी और दूसरे कारणों से लोकल की टिकट लेने और एनवक्त पर वेनगंगा यशवंतपुर एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सफर करना लोगों को महंगा पड़ रहा है। ऐसे प्रत्येक मामलों में टीटीई 100-100 रुपए अपनी जेब में भर रहे हैं। कोरबा से सुबह 6 बजे चलने वाली लोकल गाड़ी को रेलवे ने बंद कर दिया है। पिछले महीने से यह सुविधा बाधित है। इसके स्थान पर 6.30 बजे हसदेव एक्सप्रेस को सामान्य गाड़ी बनाकर बिलासपुर तक के लिए संचालित किया जा रहा है। ऐसे में सर्वाधिक दिक्कत उन लोगों को होती है जो रेलफाटक बंद होने और दूसरे कारणों से विलंब से यहां पहुंचते हैं। ऐसे में हफ्ते में कुछ दिन मिलने वाली 8 बजे की यशवंतपुर लोगों के लिए सुविधा भी है और परेशानी भी। यात्री बताते हैं कि कुछ ही मामलों में टिकट का डिफरेंस अमाउंट 15 रुपए प्रत्येक के हिसाब से जमा कर एक्सप्रेस का टिकट प्राप्त किया जाता है जबकि बाकी लोग जानकारी अथवा समय के अभाव में वेनगंगा में सफर करने को मजबूर होते हैं। बताया गया कि चेकिंग के दौरान ऐसे लोगों को डरा-धमकाकर टीटीई हर मामले में 100 रुपए से लेकर 200 रुपए तक झटक लेते हैं। यह मसला लंबे समय से चल रहा है जो त्योहारी सीजन में और ज्यादा बढ़ा हुआ है। भीड़भाड़ होने और सुविधा सीमित होने के चक्कर में लोगों के सामने कई तरह की मजबूरियां हैं। इसका भरपूर फायदा टीटीई उठा रहे हैं। भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की सुविधाओं से मिल रही शिकायतों पर कई प्रकार से निगरानी कराई जा रही है। रेल अधिकारियों को कोरबा से यशवंतपुर के लिए चलने वाली गाड़ी में औचक निरीक्षण कराने की जरूरत है। यात्रियों से पूछताछ होने पर कई टीटीई निपट सकते हैं।