वायनाड, 0२ अगस्त ।
केरल के वायनाड में मंगलवार तडक़े भारी बारिश के बाद बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन के दो दिन बाद भी मलबे में फंसे जीवित लोगों की तलाश के लिए बचाव दल कठिन परिस्थितियों में भी शिद्दत से जुटे हैं। सेना, नौसेना, एनडीआरएफ समेत बचाव दलों के 1,600 से अधिक कर्मी राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।इसमें अलावा करीब 3,000 स्थानीय नागरिक भी उनकी मदद कर रहे हैं। अब तक 177 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि लगभग 200 लोग अभी भी लापता हैं। मृतक संख्या अभी और बढऩे की आशंका है। उधर, कुछ अपुष्ट रिपोर्टों में 276 लोगों की मौत होने की बात कही गई है। इस भूस्खलन में वायनाड के चार गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा पूरी तरह तबाह हो गए थे।वायनाड जिले के अधिकारियों ने कहा है कि भूस्खलन में मारे गए लोगों में 25 बच्चे और 70 महिलाएं शामिल हैं और 200 से अधिक अन्य घायल हुए हैं। इनमें से ज्यादातर सबसे ज्यादा प्रभावित मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों के हैं। राहत कार्यों में सडक़ें और पुल ध्वस्त होने और भारी उपकरणों की कमी के कारण बाधा भी आ रही है। इसके चलते बचाव कर्मियों के लिए मलबा और बड़े-बड़े उखड़े हुए पेड़ों को हटाना मुश्किल हो रहा है।पेड़ घरों और अन्य इमारतों पर गिर गए हैं, जिससे इमारतें पूरी तरह ढह गई हैं। मुंडक्कई में राहत कार्य में जुटे एक दल ने कहा, हम एक इमारत की छत पर खड़े हैं और नीचे से बदबू आ रही है, जो शवों की मौजूदगी का संकेत दे रही है। इमारत पूरी तरह से कीचड़ और उखड़े हुए पेड़ों से ढकी हुई है। उधर, मुख्यमंत्री पी. विजयन और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य नेताओं ने आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनके प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की। राहुल ने कहा कि यह आपदा वायनाड, केरल और राष्ट्र के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां हालात देखने आए हैं। यह देखना काफी दर्दनाक अनुभव है कि लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और घरों को खो दिया है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिले। उधर, सीएम विजयन ने यहां एक सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता प्राकृतिक आपदा के पीडि़तों को बचाना है। उन्होंने कहा कि सेना द्वारा चूरलमाला और मुंडक्कई के बीच बनाए जा रहे बेली ब्रिज के पूरा होने के साथ ही बचाव कार्यों के लिए आवश्यक उपकरण आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाए जा सकेंगे। आपदा प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्यों का समन्वय कर रहे राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि कुछ शव बहकर मलप्पुरम जिले में पहुंच गए। इन्हें चलियार नदी से बरामद किया गया है।वायनाड में मौत और विनाश की भयावह खबरों के बीच इडुक्की से एक हृदयस्पर्शी कहानी सामने आई। वहां दो बच्चों की एक मां निस्वार्थ भाव से उन शिशुओं को अपना दूध पिला रही है, जिन्होंने इस आपदा में अपनी माताओं को खो दिया है। महिला, उसका पति और चार साल और चार महीने के उनके दो बच्चे पहले ही मध्य केरल के इडुक्की में अपने घर से वायनाड के लिए रवाना हो चुके हैं। महिला ने बताया, मैं दो छोटे बच्चों की मां हूं। मैं जानती हूं मां के बिना बच्चों की क्या हालत होगी। यह सब देखते हुए ही मैंने ये फैसला लिया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपने पति से इस बारे में बात की तो उन्होंने भी मेरा समर्थन किया।वायनाड में चिकित्सक, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी लगातार 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। उन पर विनाशकारी घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज और शवों के पोस्टमार्टम का भारी बोझ है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने कहा कि अब तक कुल 256 पोस्टमार्टम किए गए हैं, जिनमें शवों के हिस्से भी शामिल हैं, यानी ये पूरी तरह 256 लोगों के शव नहीं हैं। हमने 154 शव जिला प्रशासन को सौंप दिए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली रात हमने 112 शवों का पोस्टमार्टम किया। वहां एक स्वास्थ्यकर्मी रो रही थी।
वह आपदा के बाद से घर नहीं गई और अपने काम में लगी है। उसका कहना था- मैं घर नहीं जा सकती, मुझे यहीं रहना है क्योंकि हमारे अपने लोग आ रहे हैं। मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने गुरुवार को कहा कि विभाग ने देश के पश्चिमी तट पर बारिश को लेकर नियमित तौर पर पूर्वानुमान जारी किए थे और 30 जुलाई की सुबह केरल के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा था कि केरल सरकार ने केंद्र की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। आईएमडी प्रमुख ने कहा कि 25 जुलाई को जारी लंबी अवधि के पूर्वानुमान में एक अगस्त तक देश के पश्चिमी तट और मध्य भागों में वर्षा होने का संकेत दिया गया था। उन्होंने कहा, हमने 25 जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया था जोकि 29 जुलाई तक जारी रहा, फिर हमने आरेंज अलर्ट जारी किया। 30 जुलाई की सुबह रेड अलर्ट जारी किया गया, जो दर्शाता है कि 20 सेंटीमीटर तक बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि आरेंज अलर्ट का मतलब है कि कार्रवाई के लिए तैयार रहें और रेड अलर्ट का इंतजार न करें।