
नईदिल्ली, 0२ फरवरी ।
कई विपक्षी नेताओं ने अंतरिम बजट में लोगों के लिए कुछ भी न होने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे लोगों को लुभाने वाला एक चुनावी हथकंडा बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम मोदी सरकार से पूछते हैं कि पिछले 10 साल में सरकार ने जो वादे किए थे, उनमें से कितने पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को केवल बड़े-बड़े सपने दिखाए गए, नाम बदलकर योजनाएं दोबारा शुरू की गईं, लेकिन पुराने वादों का क्या हुआ, यह नहीं बताया गया। खरगे ने सरकार से पूछा कि दिखाये जा रहे नए सपने कैसे पूरे होंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस अंतरिम बजट से जवाबदेही और दूरदर्शिता दोनों गायब हैं। हमें इस अंतरिम बजट से गरीबों और मध्यम वर्ग की कठिनाइयों को कम करने के लिए कुछ नई योजनाओं की उम्मीद थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीडीपी के बारे में बात की, लेकिन उन्होंने प्रति व्यक्ति आय के बारे में बात नहीं की। उन्होंने बमुश्किल मुद्रास्फीति का जिक्र किया और यह बताने में विफल रहीं कि खाद्य मुद्रा स्फीति वर्तमान में 7.7 प्रतिशत है।कांग्रेस नेता ने कहा कि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था कोई बहुत बड़ा तमगा नहीं है। चिदंबरम ने कहा कि वित्तमंत्री ने न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के बारे में बात की थी, लेकिन वास्तव में न्यूनतम सरकार की नीति ने संघवाद को कमजोर कर दिया है। राज्य सरकारों के बजट में कमी कर दी गई। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि बजट मोदी के विकास माडल का स्पष्ट संकेत है, जो अमीरों को समृद्ध कर रहा है और गरीबों को गरीब बना रहा है। नेशनल कान्फ्रेंस के नेता -फारूक अब्दुल्ला ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक अंतरिम बजट है, इसलिए इससे ज्यादा उम्मीद न करें। हर भारतीय की उम्मीद है कि भारत को प्रगति करनी चाहिए, मुद्रास्फीति कम होनी चाहिए, उद्योग बढऩे चाहिए, बेरोजगारी खत्म होनी चाहिए और हमें अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस ने अंतरिम बजट को चुनावी हथकंडा करार दिया। पार्टी के नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा कि बजट भाषण में राज्यों को दिए जाने वाले फंड पर एक शब्द भी नहीं था।