संयुक्त राष्ट्र, 2५ अक्टूबर ।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि, आर. रवींद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संकट की घड़ी में इजरायल के साथ एकजुटता से खड़े हैं। इजराइल पर हमास के क्रूर हमले के बाद फिलिस्तीन पर आयोजित सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में रवींंद्र ने कहा हमारे प्रधानमंत्री ने सबसे पहले जानमाल के नुकसान पर अपनी संवेदना व्यक्त की थी और निर्दोष पीडि़तों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना की थी। संकट की इस घड़ी में वह इजराइल के साथ एकजुटता से खड़े रहे। इजऱाइल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे और हम स्पष्ट रूप से उसकी निंदा करते हैं। 17 अक्टूबर को गाजा अस्पताल में हुए विस्फोट, जिसमें 425 से अधिक लोग मारे गए, पर उन्होंने कहा: हमने जीवन की दुखद क्षति पर गहरा सदमा भी व्यक्त किया था।
रवींद्र ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इजऱाइल ने विस्फोट के लिए इस्लामिक जिहाद आतंकवादी समूह द्वारा इजऱाइल को निशाना बनाकर किए गए एक असफल रॉकेट प्रक्षेपण को जिम्मेदार ठहराया है, जिस पर अमेरिका ने भी मुहर लगाई है। दूसरी ओर, फिलिस्तीनियों ने कहा है कि ये सब इजऱाइल का किया हुआ है, परिषद की बैठक में कई देशों ने इस दावे को भी दोहराया। रवींद्र ने कहा कि संघर्ष में नागरिकों का हताहत होना गंभीर और चिंता का विषय है। सभी पक्षों को नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की रक्षा करनी चाहिए। इजऱाइल-फिलिस्तीन संकट के समाधान पर उन्होंने दो-देश समाधान के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। भारत ने इजरायल की सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, इजरायल के साथ शांति से सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले फिलिस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र देश की स्थापना का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, इजरायल और फिलिस्तीन के बीच सीधी बातचीत फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।