नईदिल्ली,05 अक्टूबर । दिल्ली शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आज गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ता राजघाट पहुंचे। इस दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली सरकार की सद्बुद्धि के लिए राजघाट पर बापू की समाधि के आगे प्रार्थना की। साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस खन्ना ने स्पष्ट किया कि हमने आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने या नहीं बनाने के संबंध में सवाल नहीं किया था। मीडिया ने गलत तरीके से रिपोर्ट पेश की। दरअसल कल सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद समचार एजेंसी के द्वारा जारी रिपोर्ट में यह बताया गया था कि आबकारी घोटाले में आम आदमी पार्टी का नाम क्यों नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर जमा हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। ये लोग आप नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आबकारी घोटाला मामले में संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, दिल्ली की जनता को अरविंद केजरीवाल के भ्रष्ट शासन से मुक्ति मिले, इसके लिए दिल्ली के हमारे सांसद और विधायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर प्रार्थना सभा करेंगे। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बृहस्पतिवार सुबह प्रेस वार्ता कर संजय सिंह की गिरफ्तारी के लिए एक बार फिर से भाजपा को घेरा है। उन्होंने कहा, संजय सिंह को किस आधार पर गिरफ्तार किया गया, इसके सबूत दिए जाएं। अगर उनके घर से एक रुपया भी मिला हो बताएं। उन्हें सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे पीएम मोदी के भ्रष्टाचार पर लगातार आवाज उठा रहे थे। आतिशी के बाद मंत्री गोपाल राय ने भी प्रेस वार्ता कर कमोबेश यही बातें दोहराईं। अभी थोड़ी देर में आप के कार्यकर्ता इस गिरफ्तारी के खिलाफ भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन भी करेंगे। वहीं दिल्ली शराब घोटाले में आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी मनीष सिसोदिया का पक्ष रख रहे हैं। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं और इनसे साबित नहीं होता कि याचिकाकर्ता का इस धांधली से कोई संबंध है। आरोपी विजय नायर याचिकाकर्ता का सहयोगी नहीं है।