नईदिल्ली, १८ दिसम्बर।
संविधान पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष ने जिस तरह से कांग्रेस की मंशा पर लगातार सवाल उठाए, उसकी ताप गृह मंत्री अमित शाह ने और बढ़ा दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए संविधान का अर्थ सिर्फ इतना था कि सत्ता में बने रहने के लिए जब चाहो संशोधन कर दो। तुष्टीकरण की शुरूआत भी इसीलिए हुई थी।तीखे स्वर में उन्होंने कांग्रेस से कहा- यदि कांग्रेस आज मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन कर रही है तो फिर पूरा शरीया ही क्यों नहीं दे दिया। निकाह और वारिस के लिए पर्सनल लॉ चाहिए तो अपराध में क्यों नहीं। अपराध करने पर पत्थर मारोगे, सूली पर चढ़ाओगे। शाह ने कहा कि भाजपा ने जब कभी संशोधन किया तो देश के लिए किया। उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने मॉडल यूसीसी बनाया है। इसकी विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा के बाद भाजपा सरकार इसे सभी राज्यों में लागू करेगी। गृह मंत्री ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया कि वह आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की बात कर रहे हैं। इसके पीछे इनकी मंशा मुस्लिमों को धर्म के आधार पर आरक्षण देने की है, लेकिन दोनों सदनों में जब तक भाजपा का एक भी सदस्य रहेगा, तब तक धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देने दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं को आरक्षण में चुनाव जीतने का फार्मूला दिखाई दे रहा है, जबकि कांग्रेस हमेशा से आरक्षण की विरोधी रही है। इससे पहले विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए अमित शाह ने कटाक्ष किया कि पढऩे का चश्मा अगर विदेशी है तो संविधान में भारतीयता कभी दिखाई नहीं देगी। उन्होंने संविधान संशोधन पर कांग्रेस का घेराव जारी रखते हुए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों और भाजपा सरकार द्वारा किए गए संशोधनों की तुलना की। कहा कि हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया। समय के साथ देश, समाज और कानून बदलना चाहिए। इसे संविधान सभा ने स्वीकार किया था, इसलिए संविधान संशोधन का प्रविधान किया था। राहुल गांधी का नाम लिए बिना तंज कसा कि एक 54 साल के युवा घूमते रहते हैं कि भाजपा संविधान बदल देगी। वह जान लें कि संविधान बदलने का प्रविधान संविधान में ही है। भाजपा ने 16 साल शासन किया और 22 बार संविधान में परिवर्तन किया। कांग्रेस ने 55 साल में 77 संशोधन किए। परिवर्तन करने का उद्देश्य क्या था। क्या लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए किए गए। या अपनी राज्यसत्ता को बचाने के लिए किया गया। इसी से पार्टी का चरित्र और संविधान में विश्वास का पता चलता है।गृह मंत्री गुलामी की मानसिकता से आजादी के कुछ उदाहरण गिनाने के साथ ही आरोप लगाया कि आजादी के इतने साल बाद भी शाम पांच बजे बजट इसलिए रखा जाता था, क्योंकि उस समय इंग्लैंड की महारानी की घड़ी में सुबह के 11 बजते थे।
मोदी सरकार ने इस व्यवस्था को बदला।स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकार पर कांग्रेस सदस्य द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा करते हुए अमित शाह ने कहा कि 1857 से लेकर 1947 के स्वतंत्रता संग्राम में किसी व्यक्ति को दो आजीवन कारावास हुए हैं तो वह वीर सावरकर हैं। ऐसे देशभक्त के लिए कांग्रेस के सांसद ने ओछी टिप्पणी की, जबकि इंदिरा गांधी ने भी उन्हें वीर और महान बताया था। देशभक्ति, वीरता और बलिदान को किसी दल या विचारधारा से न जोड़ा जाए।इसके साथ ही कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए शाह बोले कि संविधान की भावना का सम्मान करती तो कांग्रेस को तुष्टिकरण, परिवारवाद और भ्रष्टाचार छोडऩा पड़ता, जिसके बना उसका अस्तित्व ही नहीं है, जबकि पीएम मोदी ने देश की राजनीति को तुष्टिकरण, परिवारवाद और भ्रष्टाचार के नासूर से हमेशा के लिए मुक्त करा दिया।