
कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के 200 करोड़ से तैयार हो रहे इमलीछापर-तरदा फोरलेन मार्ग पर हुए हादसे में एक सब्जी उत्पादक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया। ट्रेलर ने उसे कनबेरी के पास ठोक दिया। घटना से नाराज आसपास के ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। इसके चलते काफी देर तक इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित रही और लोग परेशान हुए।
कुसमुंडा से कनकी की तरफ जाने वाले मार्ग पर यह घटना हुई। सोमवार की सुबह हुए घटनाक्रम में चंद्रनगर जटराज गांव के रहने वाले भागीरथी पटेल को गंभीर चोटें आई है। एसईसीएल की खदान से काफी नजदीक उसका गांव मौजूद है जहां पर वह खेती-बाड़ी करता है। बागवानी फसलों को लेने और कोरबा शहर में उसकी बिक्री से होने वाली आमदनी के जरिए परिवार की जीविका चलती है। नियमित व्यवस्था के अंतर्गत पटेल सब्जियों की खेप लेकर अपनी बाइक से कोरबा जाने निकला था। कनबेरी के पास उसे ट्रेलर ने अपनी चपेट में ले लिया जिससे वह बाइक समेत गिर पड़ा। घटना में जहां बाइक क्षतिग्रस्त हुई वहीं पटेल के सिर व अन्य हिस्सों में काफी चोटें आई। 24 घंटे व्यस्त रहने वाले इस रास्ते से आवाजाही कर रहे लोगों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पुलिस को अवगत कराया और यहां पर चक्काजाम भी कर दिया। पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंच आनन-फानन में कार्रवाई की और घायल को मेडिकल कॉलेज हास्पिटल भिजवाया। मुख्य मार्ग पर चक्काजाम करने से दोनों दिशा में आवाजाही बाधित हो गई। चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि सडक़ निर्माण की रफ्तार धीमे होने लेकिन तेज गति से दौडऩे वाले वाहनों के परेशानी है। पहले भी इस रास्ते पर इस तरह के हादसे हुए हैं जिनमें लोगों को या तो जान गंवानी पड़ी है या फिर उनके सामने कई प्रकार की दुष्वारियां आई है। हर पर प्रशासन व पुलिस की ओर से आश्वासन तो जरूर दिए गए लेकिन इस पर प्रभावी अमल नहीं हो सका। इन कारणों से न केवल कनकी बल्कि अन्य रास्तों पर भी लगातार इस तरह के हादसे हो रहे हैं।
मुड़ापार बायपास पर फिर लगा वाहनों का जाम
चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात वाला हिसाब शहर में भारी वाहनों को लेकर बना हुआ है। कुछ समय तक प्रशासन की सख्ती के कारण मुड़ापार बायपास पर भारी वाहनों की मनमानी के कारण लगने वाली जाम की समस्या कंट्रोल हुई थी और लोगों को राहत हुई। समय बीतने और प्रशासन के चुनाव में व्यस्त होने के कारण एक बार फिर अंधेरगर्दी शुरू हो गई है। आज कई घंटे इस रास्ते पर भारी वाहनों के पहिए थमने के कारण स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के साथ-साथ आम लोगों को जमकर परेशान होना पड़ा। लोगों का आरोप है कि इस मामले में आश्वासन के लॉलीपॉप से कुछ होना-जाना नहीं है। स्थायी राहत के लिए ईमानदार प्रयास करने की जरूरत है।