
कोरबा। लगातार विभिन्न क्षेत्रों में हो रही रेल दुर्घटनाओं ने रेल प्रबंधन के सांसद हम लोगों को न केवल परेशान किया है बल्कि उनकी चिंता बढांई है। छत्तीसगढ़ के प्रमुख औद्योगिक नगर कोरबा से विभिन्न क्षेत्रों के लिए कोयला आपूर्ति और यात्री आवागमन के मामले में विभिन्न क्षेत्रों की घटनाओं ने चिंता मैं विस्तार किया है। इस स्थिति में सुरक्षा के पहलू पर विशेष ध्यान देना जरूरी हो गया है। स्थानीय प्रबंधन में इस बात को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
पिछले दिनों देश के विभिन्न राज्यों में खास तौर पर यात्री गाडिय़ों के आउट ऑफ ट्रैक होने की घटनाएं हुई है जिनमें व्यापक पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ है। इसे लेकर लगातार सवाल खड़े किए जाते रहे हैं वही निरीक्षण के दौरान जो चीज सामने आई उसे गंभीर सवाल भी पैदा हुए। इसे लेकर छानबीन का दौर शुरू हुआ। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के साथ रेल मंत्रालय के लिए महत्वपूर्ण कोरबा रेलवे ट्रैक आर्थिक कारणों से उपयोगी है। देश की कोयला जरूरतों के साथ-साथ यात्री परिहवन के मामले में यह अहम है। इस नाते सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए इस पहलू को सबसे उपर रखा गया है और उक्तानुसार कदम उठाए जा रहे हैं। कोरबा-चांपा से लेकर कोरबा-गेवरारोड रेल सेक्शन पर रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को केंद्रित करने के साथ आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि किसी भी तरह के गंदे इरादों को नष्ट किया जा सके। याद रहे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लिए कोरबा से यात्री परिवहन और कोयला लदान से 2000 करोड़ से भी ज्यादा का राजस्व प्रतिवर्ष मिलता है। समय के साथ यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इससे कोरबा के महत्व को रिमार्केबल किया जा रहा है। बताया गया कि कोरबा से संबंधित मुद्दों को लेकर रेलवे की गंभीरता का पता इस बात से चलता है कि अलग-अलग मसले को लेकर जोर और मंत्रालय स्तर के दौरे लगातार हो रहे हैं।
सुरक्षा को लेकर अलर्ट
रेलवे ट्रैक का हर दृष्टिकोण से सुरक्षित होना आवश्यक है क्योंकि पूरी व्यवस्था का दारोमदार इसी पर टिका होता है। रेलवे ट्रैक की स्थिति का जायजा लेने के लिए मैन पावर मौजूद है। ट्रैकमेन और अन्य कर्मियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है जो उसे निभा रहे हैं।
– सतीश कुमार, प्रभारी आरपीएफ



















