बाराद्वार। नगर की महिलाओं व युवतियों ने गणगौर माता की पूजा की। होली के दूसरे दिन से ही मारवाड़ी व ब्राह्मण समाज की युवतियां व महिलाएं अपने घरों में गणगौर माता की मूर्ति बनाकर पूजा अर्चना करती हैं। 16 दिन तक चलने वाली इस पूजा में युवतियां सुयोग्य वर की प्राप्ति व महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं। नई नवेली सुहागिनों के लिए इस पूजा का विशेष महत्व रहता है। गणगौर माता की पूजा कर रही मुस्कान सिंघानिया एवं प्रीति शर्मा ने बताया कि होली की राख व गोबर से पिंड बनाए जाते हैं, जिसे गणगौर भगवान शंकर, पार्वती का रूप माना जाता है। उन्होंने बताया कि मान्यता है कि कुंवारी कन्या सुयोग्य वर की प्राप्ति व महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए यह पूजा नियम व श्रद्धापूर्वक करती हैं। मारवाड़ी व ब्राह्मण घरों में गणगौर की पूजा का विशेष महत्व है। विवाह के बाद पहली गणगौर पूजा अपने मायके में आकर ही करती है। सुबह एवं शाम को पानी का अघ्र्य दिया जाता है व रात में मंगल गीत गाए जाते हैं। पूजा करने वाली महिलाएं व युवतियां अपने अपने घरों से गाजे बाजे के साथ बनोरा भी निकालती हैं। घर में परिवार व अपनी सहेलियों को बुलाकर उत्सव मनाया जाता है। कोमल शर्मा, प्रीति शर्मा, सृष्टि शर्मा, मुस्कान सिंघानिया, पायल शर्मा, स्वीटी शर्मा, जयश्री शर्मा, रूपाली अग्रवाल, पारूल, ज्योति मोदी, अनुपमा, विभा, शैवी गणगौर माता की पूजा कर रही हैं। 16 वें दिन होता है विशेष आयोजन गणगौर की 16 वें दिन की पूजा खास होती है, इस दिन सभी पुजारिन हाथों में मेहंदी लगाकर व पारंपरिक नए परिधान पहनकर सोलह श्रृंगार के साथ सोलह प्रकार के फल फूल के साथ इस पूजा में शामिल होती हैं ।