शिवरीनारायण। वैसे तो नगर में पैसे जमा करने के लिए कई बैंक है, लेकिन एक बैंक ऐसा भी है जहां पैसे नहीं राम नाम की करंसी जमा होती है। भगवान शिवरीनारायण मंदिर परिसर में अंतरराष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक संचालित है। बैंक में सिर्फ 6 सालों में भक्तों ने 1 अरब श्रीसीताराम नाम लिखकर जमा किया है। श्रीमणिरामदास छावनी सेवा ट्रस्ट अयोध्या पुरी के श्री नृत्यगोपालदास जी महाराज ने अयोध्या में बैंक की स्थापना की है। भगवान शिवरीनारायण मंदिर परिसर में 2018 में श्रीसीताराम नाम बैंक की स्थापना की थी। भगवान शिवरीनारायण मठ मंदिर के सर्वराकार राजेश्री महंत डॉ. रामसुन्दर दास जी महाराज ने श्रीसीताराम नाम बैंक खोलने भगवान शिवरीनारायण मंदिर परिसर में एक कमरा उपलब्ध कराया है। श्री सीताराम बैंक के शाखा प्रबंधक पुरुषोत्तम सोनी ने बताया 1965 से वो श्रीसीताराम नाम लिख रहे हैं। उन्होंने बताया 1965 में चांपा में संचालित श्रीसीताराम बैंक के प्रचारक शिवराम प्रसाद सोनी कॉपी लेकर शिवरीनारायण आते थे और यहां से श्रीसीताराम नाम लिखी हुई कॉपी लेकर चांपा के बैंक में जमा करते थे। पुरुषोत्तम सोनी उन्हीं के पास से श्रीसीताराम नाम लिखकर कॉपी जमा करते थे। नृत्य गोपाल दास जी महाराज ने उन्हें शिवरीनारायण में श्रीराम नाम बैंक की शाखा खोलने प्रेरणा दी। 28 जनवरी 2018 को भगवान शिवरीनारायण मंदिर परिसर में श्रीसीताराम नाम बैंक की शाखा क्रमांक 128 का शुभारंभ भगवान शिवरीनारायण मठ मंदिर के सर्वराकार राजेश्री महन्त डॉ रामसुन्दर दास जी महाराज व श्रीसीताराम राम बैंक अयोध्यापुरी के सहायक बैंक मैनेजर कन्हैया दास जी महाराज ने किया। श्रीसीताराम नाम बैंक के शाखा प्रबंधक पुरुषोत्तम सोनी, संरक्षक प्रतिनिधि त्यागी जी महाराज व कोषाध्यक्ष योगेश शर्मा हैं। 727 भक्तों ने 99 करोड़ 86 लाख नाम लेखन जप किया सोनी ने बताया अब तक वे 1 करोड़ 21 लाख 18 हजार श्रीसीताराम नाम लिख चुके हैं। नगर के श्रीसीताराम नाम बैंक में 727 भक्तों ने 99 करोड़ 86 लाख 36 हजार 383 श्रीसीताराम नाम लेखन जप किया है। श्रीसीताराम नाम बैंक में शिवरीनारायण नगर सहित जांजगीर चांपा, कोरबा, बिलासपुर, रायगढ़, बलौदाबाजार सहित विभिन्न गांव के भक्तों का खाता है। जो श्रीसीताराम नाम लेखन कर बैंक में अपनी कॉपी जमा करते हैं। उनके पास बुक बनाए गए हैं जिसमें श्रीसीताराम नाम की लेखन संख्या अंकित की जाती है। 25 लाख नाम जप लेखन के बाद भक्तों को प्रणाम पत्र से सम्मानित करते हैं।