
नईदिल्ली। बांग्लादेश की सेना ने प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट कर दिया है। आरक्षण के मुद्दे पर बनी अराजक स्थिति के बाद हसीना को पद से इस्तीफा देना पड़ा। बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने उन्हें देश छोड़ने के लिए 45 मिनट का समय दिया था। वह पद छोड़ने से पहले देशवासियों के नाम एक विदाई संदेश रिकॉर्ड करना चाहती थीं। मगर, स्थितियां ऐसी बदलीं कि उन्हें इसका मौका भी नहीं मिला। 2:30 मिनट पर सैन्य हेलिकॉप्टर के जरिये बहन शेख रेहाना के साथ हसीना सुरक्षित जगह के लिए रवाना हुईं। बताया जा रहा है कि वह भारत पहुंच चुकी हैं। उधर, बांग्लादेश की कमान सेना ने संभाल ली है। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि अंतरिम सरकार का गठन किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से हिंसा रोकने की अपील की। साथ ही कहा कि हिंसा में मारे गए लोगों के साथ न्याय किया जाएगा। यह पहला मौका नहीं है, जब सेना ने तख्ता पलट किया है। इससे पहले 1975 में पहली बार सेना ने तख्तापलट किया था। तब तत्कालीन मुजीबुर्रहमान की सरकार को हटाकर सेना ने 1990 तक शासन किया। साल 2009 में जब शेख हसीना ने सत्ता संभाली थी, तब उन्हें सेना ने समर्थन दिया था। अब साल 2024 में एक बार फिर सेना ने देश की कमान अपने हाथ में ले ली है।
बंगबंधु की मूर्ति पर चले हथौड़े
शेख हसीना के प्रति प्रदर्शनकारियों का प्रचंड गुस्सा देखने को मिला। उन्होंने बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति तक तोड़ डाली। बंगबंधु की मूर्ति पर चढ़कर प्रदर्शनकारियों ने हथौड़े चलाए। बताते चलें कि शेख हसीना शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं।