कोरबा। अब तक ऐसा कोई तंत्र विकसित नहीं हो सका जिसके जरिए कोरबा और कोयलांचल में आए दिन लगने वाली जाम की समस्या को खत्म किया जा सके। यह समस्या लोगों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। कई मामलों में इसकी बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ रही है। कहने के लिए शहर में नो पार्किंग जोन बनाया गया है लेकिन इसका पालन कराना सुनिश्चित नहीं हो सका है। खास बात यह है कि जहां पर इस आशय की सूचनाएं लगी है, दुकानों का फैलाव वहां तक हो रहा है। ऐसे में सडक़ें सीमित हो रही हैं और वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है। एसईसीएल के 200 करोड़ से बन रहे कुसमुंडा फोरलेन का काम कछुआ चाल पर जारी है। यहां पर लगने वाले जाम ने कई सवालों को जन्म दिया है।