
जांजगीर-चांपा। हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिरों में आस्था का अद्भूत नजारा देखने को मिला। मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से लेकर देर रात तक दर्शन-पूजा का सिलसिला चलता रहा। हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिरों में विशेष पूजा-अनुष्ठान का आयोजन हुआ। भंडारा प्रसाद का दौर भी सुबह से शाम तक जारी रहा। शनिवार का दिन पडऩे 57 साल बाद पंचग्रही योग में इस बार हनुमान जी की जयंती मनाई गई। जांजगीर शहर के प्रमुख आस्था के केंद्र नहरिया बाबा मंदिर में तो हजारों की संख्या में भीड़ जुटी। पहली बार मंदिर में भक्तों की इतनी लंबी कतार
नजर आई। भक्तों को दर्शन पाने के लिए घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ा लेकिन फिर भी भक्तों में भारी उत्साह नजर आया। मंदिर प्रबंधन की ओर से भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। भंडारा, प्रसाद समेत सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए थे।
सुबह 5 बजे से यहां जो भक्तों का तांता लगना शुरू हुआ था वह देर रात तक जारी रहा। मंदिर में भजन-कीर्तन का दौर भी चलता रहा। इसी तरह शहर के अन्य मंदिरों समेत जिले भर के हनुमान जी के मंदिरों में हनुमान जन्मोत्सव पर भक्तों की भीड़ रही।
जगह-जगह प्रसाद वितरण किया गया
हनुमान जयंती के अवसर पर विभिन्न ग संगठनों और युवाओं के द्वारा भक्तों और राहगीरों में प्रसाद वितरण किया गया। पूरे जिले में इस तरह के आयोजन हुए। जांजगीर में भी शहर के विभिन्न मार्गों में भक्तों में खीर-पूड़ी, सब्जी, शरतब, लस्सी आदि शीतल पेय पदार्थ और प्रसाद का वितरण किया गया। इसके अलावा नवनिर्मित मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन भी हुआ। दीपदान कर भी भक्तों ने रामभक्त श्री हनुमान जी की आराधना की।
हनुमान जयंती पर तुलसी में हुआ सुंदरकांड पाठ
नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम तुलसी में प्रथम सरपंच मानस मर्मज्ञ कीर्ति शेष पंडित सुशील शुक्ला की स्मृति में मगलवारीय मानस मंडली द्वारा विगत 8 वर्षों से प्रत्येक मंगलवार को रामचरितमानस का गायन एवं प्रवचन किया जाता है। इसी कड़ी में 12 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर ग्राम के माता चौरा में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। इस दौरान मंडली के देवराज कश्यप, लखन साहू, छहुरा यादव, श्यामलाल कश्यप, छेदी निर्मलकर, उमेंद्र राम केवट और माखन साहू सहित पूरी टीम द्वारा मानस की चौपाइयों का गायन और प्रवचन बड़े सुंदर ढंग से किया गया। इस अवसर पर ग्राम वासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, कार्यक्रम देर रात तक चला।अंत में हनुमान जी की आरती के पश्चात सभी को प्रसाद वितरण किया गया।