कोरबा। वार्ड क्रमांक 21 में स्थित ऐतिहासिक बुधवारी तालाब की वर्तमान स्थिति स्थानीय निवासियों के लिए चिंता और नाराजगी का विषय बन गई है। यह तालाब लंबे समय से स्थानीय लोगों के लिए दैनिक जीवन के कई महत्वपूर्ण कार्यों जैसे स्नान, कपड़ा धोना, और अन्य सामुदायिक गतिविधियों का प्रमुख स्रोत रहा है। परंतु, वर्तमान में तालाब में पानी की मात्रा अत्यधिक घट गई है, जिससे आम जनता के निस्तार कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तालाब में पानी का स्तर लगातार घटता जा रहा है और अब यह लगभग सूखने की कगार पर है। इसके अलावा, तालाब के आसपास के बड़े हिस्से में गंदगी फैली हुई है, जिससे न सिर्फ दुर्गंध फैल रही है बल्कि यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन रही है। इसके चलते लोगों को अपने दैनिक कार्यों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश करनी पड़ रही है, जो सभी के लिए संभव नहीं है।
बुधवारी तालाब का कुछ वर्षों पूर्व उन्नयन किया गया था, जिससे लोगों को उम्मीद जगी थी कि यह जल स्रोत फिर से उपयोगी और स्वच्छ बनेगा। लेकिन दुर्भाग्यवश, सुधार कार्यों के बाद भी तालाब की स्थिति में कोई स्थायी सुधार नहीं हो सका और आज यह फिर से उपेक्षा का शिकार बन गया है। स्थानीय निवासियों ने नगर निगम से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द तालाब की सफाई, गहराईकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य प्रारंभ करें। साथ ही, तालाब के चारों ओर सफाई व्यवस्था, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट और जल संरक्षण के आधुनिक उपायों को अपनाने की मांग की जा रही है। नगर निगम द्वारा समय-समय पर जल स्रोतों के संरक्षण और विकास के लिए विभिन्न योजनाएं और घोषणाएं की जाती रही हैं। कुछ क्षेत्रों में तो वैकल्पिक जल स्रोतों की व्यवस्था भी की गई है। इसी तर्ज पर लोगों की अपेक्षा है कि उनके वार्ड में स्थित इस महत्वपूर्ण तालाब की दुर्दशा पर भी ध्यान दिया जाए और इसे फिर से एक उपयोगी एवं स्वच्छ जल स्रोत में बदला जाए। स्थानीय समाजसेवी संगठनों और नागरिकों ने मिलकर इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की योजना बनाई है ताकि नगर निगम इस ओर गंभीरता से ध्यान दे और शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाए।