अमृतसर। पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले से भारत व पाकिस्तान के संबंध में अचानक बढ़ी कड़वाहट ने भारत से पाकिस्तान में ब्याही कई लड़कियों व महिलाओं को उनके पति व बच्चों से अलग कर दिया है।

पत्नियां भारत में अटारी बॉर्डर पर रोकी गई

पाकिस्तानी पति अपने देश में बाघा बॉर्डर पर भारत से आने वाली पत्नियों का इंतजार करते रहे, लेकिन पत्नियां भारत में अटारी बॉर्डर पर इसलिए रोक ली गईं कि वे ‘पाकिस्तानी’ नहीं हैं। उनके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट नहीं था। हां, जन्म से पाकिस्तानी होने के कारण उनके बच्चों को जाने दिया गया।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी होने वाले सभी प्रकार के वीजा रद कर दिए हैं। शुक्रवार को इसका प्रभाव देखने को मिला। पाकिस्तान में ब्याही भारतीय महिलाओं के पास पाकिस्तान की नागरिकता नहीं होने के कारण उन्हें अटारी बॉर्डर पर रोक लिया गया।

भारतीय पासपोर्ट वालों को पाकिस्तान नहीं जाने दिया

ये महिलाएं नूरी वीजा पर देश के विभिन्न हिस्सों में अपने मायके आई हुई थीं और अब ससुराल लौट रही थीं। शुक्रवार को अटारी बॉर्डर पर स्थित इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) पर अधिकारियों ने कहा कि उन्हें आदेश है कि भारतीय पासपोर्ट वालों को पाकिस्तान नहीं जाने दिया जाए इसलिए इन महिलाओं को अनुमति नहीं दी गई।पाकिस्तान का वीजा व पासपोर्ट होने के कारण इन महिलाओं के बच्चों को जाने दिया गया है। पाकिस्तान नहीं जाने देने पर लगभग एक दर्जन महिलाओं ने हंगामा किया। बाद में उन्हें मायके लौटना पड़ा। चार दिन पहले पाकिस्तान से भारत आई जैनब सहित उन महिलाओं को जाने दिया गया जिन्होंने पाकिस्तानी पोसपोर्ट दिखाया।राजस्थान के जोधपुर की अफसीन जहांगीर ने बताया कि उसकी शादी कराची में हुई है। बच्चे पाकिस्तानी नागरिक हैं। बच्चों को तो बॉर्डर पार जाने दिया गया परंतु उसे रोक लिया गया। दिल्ली की अरूदा ने बताया कि उसकी शादी बीस वर्ष पहले पाकिस्तान में हुई थी। दो बच्चे हैं जो पाकिस्तानी नागरिक हैं।वह एक महीने के लिए अपने मां-बाप से मिलने भारत आई थी। 27 अप्रैल की वापसी का टिकट था, पर हालात देखकर चार दिन पहले ही निकलने की कोशिश की पर बॉर्डर पर रोक दी गई। दिल्ली की शनीजा ने बताया कि उसकी शादी 15 वर्ष पहले कराची में हुई थी। उसने पाकिस्तान की नागरिकता के लिए अप्लाई किया हुआ है।