जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में तीन प्रशासनिक अधिकारियों ने शराब के नशे में जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने न केवल राहगीरों से अभद्र व्यवहार किया, बल्कि बीच रास्ते अपनी कार खड़ी कर जाम लगा दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस जब उन्हें थाने ले गई तो वहां वे पुलिसकर्मियों से भिड़ गए और उनके साथ मारपीट की। उन्होंने थाना अधिकारी की टेबल पर लगा कांच तोड़ दिया, रजिस्टर भी फाड़ दिया। कानोता थाना अधिकारी हिम्मत सिंह ने बताया कि मारपीट से एक पुलिसकर्मी के हाथ में फ्रैक्चर हो गया है, दो अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। उत्पात करने वाले तीनों अधिकारियों में सहकारिता विभाग के निरीक्षक हरिराम सिंह व जितेंद्र चौधरी एवं आबकारी निरीक्षक कार्यालय अंधेरी, मुंबई में तैनात रामवतार मीणा शामिल हैं। रामवतार अवकाश पर आए हुए हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने, मारपीट करने व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक विनय कुमार मामले की जांच कर रहे हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 85 वर्षीय एनआरआई उधोगपति वासु श्रॉफ की 35 लाख रूपए की घड़ी उतरवाने और पांच घंटे तक शौच के लिए नहीं जाने देने के मामले में कस्टम विभाग के चार अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। चारों अधिकारियों ने जांच के नाम पर उधोगपति की घड़ी उतरवाने के लिए साथ ही उन्हे पांच घंटे तक व्हीलचेयर पर बिठाए रखा था। इस दौरान उन्हे शौच के लिए भी नहीं जाने दिया गया। उधोगपति ने इसकी जांच केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों से की थी।
उधोगपति से बदसलूकी करने वाले चारों अधिकारियों सहायक आयुक्त राजेश कुमार सिंह का तबादला कोटा,प्रेमराज मीणा का तबादला जयपुर के आईसीडी (इनलैंड कंटेनर विभाग)शंकर रमन बीपी का जयपुर जेम्स स्टोन एक्सचेंज ओर आर.के.मीणा का अलवर आईसीडी व भिवाड़ी में किया गया है।चारों कस्टम अधिकारियों को जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हटाकर उच्च स्तरीय अधिकारियों ने कड़ा संदेश दिया है। चारों अधिकारियों ने उधोगपति की घड़ी उतरवाते हुए उस पर शुल्क देने के लिए कहा।
इस पर उधोगपति ने उन्हे बताया कि दस साल पुरानी इस घड़ी का वे पूर्व में शुल्क अदा कर चुके हैं। लेकिन अधिकारियों ने उनकी नहीं मानी और परेशान किया।उधोगपति राजस्थान के फतेहपुर में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दुबई से आए थे। वे कार्यक्रम में शामिल हो कर वापस दुबई लौट गए। बाद में उनके वकील धर्मेंद्र सिंह ने यहां उच्च स्तर के अधिकारियों से बातचीत कर घड़ी हासिल कर दुबई जाकर उधोगपति को सौंपी थी। कस्टम विभाग के अधिकारियों नेइस मामले में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।