जम्मू 29 अप्रैल। पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में जहां पूरा देश एकजुट है, वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने पाकिस्तान से सुर मिलाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान कहता है कि वह पहलगाम आतंकी हमले में शामिल नहीं है तो इसे अभी के लिए स्वीकार कर लें और अपनी जांच एजेंसियों पर भरोसा करें।उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी देश हैं। इसलिए दोनों देशों के बीच बातचीत के अलावा कुछ भी काम नहीं करेगा। बता दें कि पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले में अपना हाथ होने से पल्ला झाड़ लिया है।सैफुद्दीन सोज ने कहा कि पहलगाम में जो हुआ वह दुखद और अस्वीकार्य है उन्होंने कहा कि पड़ोसी को बदला नहीं जा सकता, चाहे आप कुछ भी कर लें। अंतत: भारत और पाकिस्तान के बीच जो प्रबल होगा वह बातचीत है। संवाद और चर्चा है। इसका कोई सैन्य समाधान नहीं, कोई हथियार नहीं, कोई तलवार नहीं। शब्दों के अलावा कुछ भी काम नहीं करेगा। यानी संवाद ही हल है।कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले पर कड़ा रुख अपनाया है और कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत और चर्चा के माध्यम से ही समाधान निकाला जा सकता है। हमें इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी की बात से सहमत होना चाहिए। उनका बयान हमें इस मुद्दे को समझने के लिए एक दिशा है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश के मार्गदर्शक हैं, वह राष्ट्र के नेता हैं। उन्होंने पहलगाम हमले पर बहुत कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कैबिनेट के साथ कार्रवाई का रास्ता तय करेंगे। हम एक लोकतांत्रिक देश है। कैबिनेट जो निर्णय लेगी वही कार्रवाई प्रधानमंत्री करेंगे। उन्हें इस पर बेहतर ज्ञान है।पूर्व केंद्रीय मंत्री सोज ने यह भी कहा कि जल को अपने प्राकृतिक मार्ग से समुद्र तक जाने दिया जाना चाहिए।
मुझे नहीं लगता कि भारत को इतनी दूर जाना चाहिए। यह एक (सिंधु जल) संधि है जो युद्ध के दौरान भी अच्छी तरह से काम कर रही है।उन्होंने कहा कि यह दोनों भारत और पाकिस्तान को लाभ प्रदान करती है। अगर हम पानी को रोकते हैं तो यह पंजाब और जम्मू-कश्मीर को डूबो देगा। पानी को अपने प्राकृतिक मार्ग से समुद्र तक जाना चाहिए। मुझे लगता है कि हमें इतनी दूर नहीं जाना चाहिए।