
कोरबा। अखण्ड सौभाग्य की कामना से हिन्दू सुहागिन महिलाओं ने जेष्ठ कृष्ण अमावस्या को वट सावित्री व्रत श्रद्धा और आस्था के साथ रखा। उन्होंने वट वृक्ष की पूजा कर रक्षा सूत्र बांधा। परिक्रमा भी की।
कोरबा नगर, उपनगरीय क्षेत्र बालकोनगर,जमनीपाली, जैलगाव, कुसमुंडा, दीपका, बांकीमोंगरा, कटघोरा और आसपास के अंचलों में इस पर्व को लेकर आस्था का माहौल रहा। गर्मी को देखते हुए सुबह से ही यहां बरगद वृक्ष के आसपास आस्थावानो का समूह नजर आया। धार्मिक परंपराओं के अनुसार महिलाओं ने बरगद वृक्ष की पूजा की। पूजा के दौरान वृक्ष की परिक्रमा कर कलावे से रक्षा सूत्र बांधा। । साथ ही, बांस के पंखे और वटपत्र (बरगद के पत्ते) से जुड़ी पारंपरिक रीति-रिवाजों का भी पालन किया। व्रत कथा का श्रवण भी किया। ज्योतिषाचार्य पंडित दशरथ नंदन द्विवेदी ने बताया कि इस व्रत को रखने से पति की आयु लंबी होती है और सुहाग की रक्षा होती है। यह व्रत पत्नी की निष्ठा, श्रद्धा और पति के प्रति समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
समृद्ध परंपरा का हिस्सा
सृजनात्मक कार्यों से जुड़ी मीनाक्षी सोनी ने कहा कि भारत विविधता का देश है और सबसे खास बात यह है कि वर्ष में हिंदू त्योहारों की बाहुल्यता है। ये व्रत त्योहार हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है।