
नई दिल्ली। अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत ने दुनिया के तमाम देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत का यह फैसला भारत के लिए राहत माना जा रहा है। भारत अब बिना किसी दबाव के अमेरिका के साथ व्यापार समझौता वार्ता कर सकेगा। दूसरा, ट्रंप सरकार स्मार्टफोन बनाने वाली एपल जैसी कंपनियों को भी भारत छोडऩे की धमकी नहीं दे सकेगी। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के सीईओ एवं महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि इस फैसले से अभी भारत से होने वाले निर्यात को कोई लाभ नहीं मिलने जा रहा है। पहले की तरह 10 प्रतिशत का शुल्क जारी रहेगा।ट्रंप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी है और ट्रंप की पूरी कोशिश सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपने पक्ष में करने की होगी। जानकारों का कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट भी पारस्परिक शुल्क के फैसले को अवैध ठहराता है तो पारस्परिक शुल्क से पूर्व की व्यवस्था लागू हो जाएगी।ऐसे में चीन को भी बड़ी राहत मिल जाएगी, जो भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अभी चीन पर 30 प्रतिशत का शुल्क है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक व विदेश व्यापार सेवा के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस फैसले के बाद अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को लेकर चल रही वार्ता में भारत को दबाव में आने की जरूरत नहीं है।वर्तमान हालात में आगामी नौ जुलाई से भारत पर 26 प्रतिशत के पारस्परिक शुल्क लगने की आशंका के तहत भारत अमेरिका को कृषि व कई अन्य वस्तुओं पर शून्य शुल्क की पेशकश करने के लिए दबाव में था। अमेरिका भारत की सरकारी खरीद में भी प्रवेश चाहता है और भारत के क्वालिटी कंट्रोल नियम से भी छूट देने के लिए दबाव बना रहा है। श्रीवास्तव का कहना है कि भारत को बीटीए वार्ता को नए सिरे से देखने की जरूरत है। भारत और अमेरिका के बीच बीटीए के पहले चरण को आगामी सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन उससे पहले भारत अगले महीने ही अमेरिका के साथ एक अंतरिम व्यापार समझौता करना चाहता है, ताकि 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क भारत पर लागू नहीं हो सके।
गत अप्रैल माह में ट्रंप ने भारत, चीन, वियतनाम समेत दुनिया के अधिकतर देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी। आठ अप्रैल को ट्रंप ने इस फैसले को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया था।