
कोरिया बैकुंठपुर। जिले के बिशुनपुर से सलका तक पहुंच मार्ग इन दिनों बदहाली की चरम सीमा पर पहुंच चुका है। लोक निर्माण विभाग के अधीन आने वाला यह सडक़ मार्ग वर्षों से मरम्मत और रखरखाव के अभाव में जर्जर स्थिति में तब्दील हो गया है। यह मार्ग जिला मुख्यालय बैकुंठपुर का एक प्रमुख बायपास मार्ग भी है, जिसके कारण भारी वाहनों का लगातार आवागमन यहां बना रहता है। भारी ट्रकों, के दबाव से सडक़ की स्थिति दिन-प्रतिदिन और भी खराब होती जा रही है। जगह-जगह गड्ढे बन चुके हैं, जिससे वाहन चालकों और आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सडक़ कभी क्षेत्र के व्यस्त सडक़ जाती थी, लेकिन अब इसकी हालत किसी खाई जैसी हो गई है। बारिश के मौसम में सडक़ पर कीचड़ और पानी भरने से यह मार्ग पूरी तरह दलदल का रूप ले लेता है, जिससे दोपहिया ३और चारपहिया वाहनों को गुजरना मुश्किल हो जाता है। कई बार वाहन फंस जाते हैं और छोटे हादसे भी आम बात बन गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और विभाग को बार-बार शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस मार्ग से न केवल बिशुनपुर और सलका बल्कि आसपास के कई गांवों के लोग भी जिला मुख्यालय आते-जाते हैं। खराब सडक़ के कारण स्कूली बच्चों, मरीजों और कामकाजी लोगों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहनों को भी इस रास्ते से गुजरने में कठिनाई होती है, जिससे कई बार जान का जोखिम बढ़ जाता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस सडक़ की मरम्मत को लेकर आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग की उदासीनता के कारण जनता को रोजाना खस्ताहाल सडक़ों से गुजरना पड़ रहा है। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सडक़ की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है और स्वीकृति मिलने के बाद कार्य प्रारंभ किया जाएगा। लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द इस सडक़ की मरम्मत कराई जाए, ताकि आवागमन सुचारू हो सके और क्षेत्र के विकास कार्यों को गति मिल सके। बिशुनपुर से सलका मार्ग न केवल ग्रामीण अंचल को जिला मुख्यालय से जोड़ता है, बल्कि यह क्षेत्र की सामाजिक गतिविधियों की जीवनरेखा भी है। ऐसे में इस सडक़ का सुधरना न केवल जरूरी है, बल्कि यह प्रशासन की प्राथमिकता में होना चाहिए।