
जांजगीर। धान खरीदी शुरू होने से पहले ही संकट के बादल मंडरा गए हैं। जिले के 129 सहकारी समिति कर्मचारी और धान खरीदी ऑपरेटर अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक खरीदी केंद्रों में कोई काम नहीं होगा। इस हड़ताल से आगामी 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ और धान खरीदी ऑपरेटर संघ ने संयुक्त रूप से आंदोलन की घोषणा की है। कर्मचारियों का कहना है कि कई बार शासन-प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। वे लंबे समय से सुरक्षा, मानदेय वृद्धि और नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कर्मचारियों ने पहले सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया है कि जब तक उनकी चारों मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
बता दें कि इस साल एग्रीस्टैक पंजीयन को अनिवार्य कर दिया गया है। बहुत से किसानों का खसरा सत्यापन होना बाकी है। करीब 400 किसानों का एग्रीस्टैक पंजीयन नहीं हुआ है। किसान समितियों में पंजीयन हुए एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीकृत खसरा की जानकारी लेने के लिए अभी भी पहुंच रहे हैं।
कर्मचारियों की 4 मांगें 6 धान खरीदी केंद्रों में कार्यरत ऑपरेटरों की भर्ती अब ठेके या आउटसोर्सिंग के माध्यम से न की जाए, बल्कि नियमित पदों पर की जाए। 6 भविष्य में की जाने वाली भर्तियों में सहकारी समितियों के वर्तमान कर्मचारियों को 50 प्रतिशत वरीयता दी जाए। 6 कर्मचारियों को धान खरीदी कार्य में उनके योगदान के अनुसार उचित सुखत (प्रोत्साहन राशि) प्रदान की जाए। 6 समितियों को 3 लाख रुपए की अनुदान राशि दी जाए, प्रत्येक समिति को उनके संचालन और संसाधन सुधार हेतु 3,00,000 की अनुदान राशि दी जाए।






















