
नईदिल्ली, १० अक्टूबर ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में एच1-बी वीजा के नियमों सुधार किया था। ट्रंप प्रशासन ने एच1-बी वीजा का शुल्क बढ़ा कर $100,000 कर दिया था। इस फैसले के बाद अमेरिका एक और झटका देने की तैयारी में हैं। दरअसल, बताया जा रहा है कि अब इस वीजा के नियमों में और बदलाव किया जा सकता है। डोनल्ड ट्रंप प्रशासन नियोक्ताओं द्वारा परमिट के उपयोग और इसके लिए पात्रता पर अतिरिक्त आव्रजन प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है। होमलैंड सुरक्षा विभाग ने एच-1बी वीजा श्रेणी को संशोधित करने के लिए अपने नियामक एजेंडे में एक नियम परिवर्तन का प्रस्ताव रखा है। जिसमें इस वीजा को लेकर कई प्रकार के बदलाव शामिल हैं। इन बदलावों में सीमा छूट के लिए पात्रता में संशोधन, कार्यक्रम की आवश्यकताओं का उल्लंघन करने वाले नियोक्ताओं की अधिक जांच जैसे पहलु शामिल हैं। बताया जा रहा है कि अभी ये तो स्पष्ट नहीं है कि क्या डीएचएस संभावित रूप से उन नियोक्ताओं और पदों को सीमित करने की योजना बना रहा है जिन्हें वार्षिक सीमा से छूट दी गई है। हालांकि, अगर एक बार फिर ट्रंप प्रशासन एच1बी वीजा के नियमों में बदलाव करता है, तो यह उन लोगों को भी प्रभावित कर सकता है, जो पहले से इस पहले से इस वीजा का लाभ उठा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव में कहा गया है कि इन बदलावों का उद्देश्य एच-1बी गैर-आप्रवासी कार्यक्रम की अखंडता में सुधार लाना और अमेरिकी कर्मचारियों के वेतन और कार्य स्थितियों की बेहतर सुरक्षा करना है। अगर ट्रंप प्रशासन इन वीजा के नियमों में बदलाव करता है, तो इसका सीधा असर अमेरिका में काम करने की इच्छा रखने वाले हजारों भारतीय छात्रों और युवा पेशेवरों पर पडऩे की उम्मीद है।