चांपा। शहर के विकास के नाम पर नगरपालिका ने लाखों रुपए झोंक कर पौनी पसारी हाट बाजार का निर्माण तो करा दिया लेकिन उपयोग की योजना विफल कर खुद ही उसे खंडहर बना दिया। करीब चार साल पहले तैयार हुए इस मार्केट में आज तक एक भी दुकान शुरू नहीं हो सकी। आलम यह है कि अब ये स्थान सिर्फ शराबियों का अड्डा बन गया है और जनता के पैसे की बर्बादी का जीता जागता उदाहरण बना खड़ा है।
नगरपालिका मार्ग में बने इस पौनी पसारी को सुव्यवस्थित व्यापारिक केंद्र बनाने का सपना दिखाया गया था। पर हकीकत यह है कि निर्माण के बाद न तो यहां कोई व्यवसायी बैठा न कोई योजना बनाई गई और न कोई जिम्मेदार इसे संवारने की सुध रहा है। अब यह भवन जर्जर होता ही ले जा रहा है और अव्यवस्था की भेंट चढ़ चुका है। सडक़ पर लगने वालेअस्थायी बाजारों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। लेकिन नगर प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। न कोई वैकल्पिक व्यवस्था न कोई योजना बस जनता की गाढ़ी कमाई यूं ही मिट्टी में मिलती नजर आ रही है।
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू की गई थी योजना
इस योजना में पौनी पसारी के माध्यम से छोटे व्यापारियों को छत और सुविधा देने का मकसद था। चांपा में भी इसी उद्देश्य से निर्माण स्वीकृत हुआ था लेकिन अब यह मात्र कागजों में सिमटी एक असफल योजना बन चुकी है। नगरपालिका की उदासीनता का आलम यह है कि इस सुनसान भवन में अब नशेड़ी खुलेआम बैठते हैं। मानो उन्हें यहां बैठने की बाकायदा व्यवस्था कर दी गई हो। नगरवासी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर लाखों रुपए खर्च कर यदि यही हाल क करना था तो निर्माण ही क्यों किया गया।