
नमामि हसदेव सेवा समिति लंबे समय से प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण पर कर रही काम
कोरबा। नमामि हसदेव सेवा समिति द्वारा हसदेव नदी के संरक्षण, स्वच्छता एवं तट सौंदर्यीकरण हेतु आश्विन पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक भव्य संकल्प सभा एवं हसदेव आरती का आयोजन किया गया। कोरबा के माँ सर्वमंगला घाट पर हुए इस आयोजन में साध्वी गिरिजेश नंदनी जी (वनवासी सेवा आश्रम, केन्दई), संत रामरूपदास महात्यागी (मदकू द्वीप) सहित कई जनप्रतिनिधि एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।
सभा में वक्ताओं ने प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व को दोहराते हुए कहा कि हम अपने घरों की तरह ही नदी और प्रकृति की सफाई करें, तभी यह धरती स्वर्ग बन सकती है।
आश्विन पूर्णिमा के पावन अवसर पर माँ सर्वमंगला घाट में साध्वी गिरिजेश नंदी जी (स्वामी भजनानंद वनवासी सेवा सेवा आश्रम, केंदई) एवं संत श्री रामस्वरूपदास महात्यागी जी ( रामाश्रय श्री हरिहर क्षेत्र केदार, मदकू द्वीप) के पावन सान्निध्य तथा महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत के मुख्य आतिथ्य, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार सिंह की अध्यक्षता व नगर पालिका परिषद दीपका के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजपूत, पाली नगर पंचायत के अध्यक्ष अजय जायसवाल व छुरी नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती पद्मिनी देवांगन के विशिष्ट आतिथ्य में संकल्प सभा एवं हसदेव आरती का आयोजन किया गया।
संत रामरूपदास महात्यागी ने कहा कि एक सभा में मंच पर उपस्थित संत ने पूछा कि कौन कौन स्वर्ग जाना चाहता है। सभा में उपस्थित लगभग लोगों ने हाथ खड़े किया लेकिन एक व्यक्ति ने हाथ खड़ा नहीं किया। फिर संत ने पूछा कि कौन कौन नर्क जारा चाहता है तो स्वाभविक रूप से सभी लोगों ने उस व्यक्ति की ओर देखा जिसने हाथ खड़ा नहीं किया था लेकिन उस व्यक्ति ने फिर भी हाथ नहीं उठाया तो संत के मन में संशय खड़ा हो गया आप स्वर्ग भी नहीं जाना चाहते और आप नर्क भी नहीं जाना चाहते तो आप कहां जाना चाहते हैं? उस व्यक्ति जवाब में कहा कि मैं इस धरती को ही स्वर्ग बनाना चाहता हूं। आज नमामि हसदेव सेवा समिति द्वारा आयोजित संकल्प सभा में जितने लोग उपस्थित हुए हैं, निश्चित रूप से इसी भाव के साथ यहां आए हैं कि वे इस धरती को ही स्वर्ग बनाना चाहते हैं। मुख्य अतिथि संजू देवी राजपूत ने कहा कि आज कुआं, तालाब आदि जल श्रोत समाप्त हो रहे हैं और नदियों का जल प्रदूषित रहेगा तो नगर पालिक नियम को क्षेत्र के नागरिकों को शुद्ध जल उपलब्ध कठिनाई आयेगी। अतिथियों ने नमामि हसदेव सेवा समिति के कार्यो की सराहना करते हुए सहयोग करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अन्त सभी ने हसदेव, हसदेव नदी की सहायक नदियों और अन्य प्राकृतिक जल श्रोतों को निर्मल और अविरल बनाए रखने का सामूहिक संकल्प लिया।