जांजगीर चांपा। हसदेव नदी में पानी की धार कम होते ही रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं। बिर्रा थाना क्षेत्र के ग्राम सिलादेही, गतवा से होकर गुजरने वाली हसदेव नदी का सीना चौरते हुए कांग्रेसी नेता लोग रेत का अवैध उत्खनन कर रहे है। जबकि सरकार ने रेत के अवैध उत्खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद भी खनिज अधिकारियों की आंखे बंद नजर आ रही है। आपको बता दें कि, हसदेव में इन दिनों पानी की धार कम हो चुकी है। इसके चलते जगह-जगह रेत का टापू सा बन गया है। यह टापू रेत माफियाओं के लिए किसी वरदान से कम नजर नहीं है। यहां तक इन्हीं टापूओं से रेत माफिया हाइवा व ट्रैक्टर से सैकड़ों ट्रिप रेत निकाल रहे हैं और करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं। जिसे देखकर भी सरकार आंखें मूंद ली है। विभाग यदि इसमें रायल्टी जारी करती तो हर रोज लाखों का लाभ मिलता, लेकिन अधिकारियों ने रेत माफियाओं पर शिकंजा नहीं कसने का कसमें खा लिए है। खासकर महानदी में सबसे ज्यादा रेत का उत्खनन हो रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि हसदेव की धार कम होते ही तथाकथित कांग्रेसी रेत माफिया अपना काला कारोबार शुरू कर दिए हैं। एक दिन में 5-5 लाख रुपए की रेत निकाली जा रही है। प्रत्येक हाइवा के पीछे 4 से 5 हजार रुपए ली जा रही है। एक दिन में सैकड़ों ट्रिप ट्रैक्टर व हाइवा निकाल कर माफिया 5 से 7 लाख रुपए का हर रोज कारोबार कर रहे है। इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की प्रमुख वजह खनिज अफसरों से मिलीभगत होने का आरोप लगा है। यही वजह है कि खनिज अफसर इस और नजरें इनायत नहीं कर रहे हैं। लगता है कि वर्तमान खनिज अधिकारी ने उक्त लोगों से सेटिंग कर ली है जिसके कारण रेट की अनवरत उत्खनन एवं परिवहन होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की ज रही है। इससे विभाग को रोजाना लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। यहां यह बताना आवश्यक है कि जब से जांजगीर चांपा जिमें में खनिज अधिकारी के रूप में श्री साहू पदस्थ हुए हैं तब से खनिज माफिया पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं जो स्थानीय नेताओं की आड़ में खुलेआम रात्रि को रेत का अवैध उत्खनन कर भंडारण कर रहे हैं और मांगे दामों में बेचकर आवाद गति से रुपए कमा रहे हैं। इसी तरह उदयबंद ग्राम में रिंकू तिवारी नामक युवक रेत का अवैध उत्खनन कर भंडारण करके रेत बेच रहा है। और रेत का पहाड़ खड़ा कर दिया है।