नई दिल्ली । देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ ने नोएडा स्थित बल के ग्रुप सेंटर पर नकली ट्रैक सूट बेचे जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ग्रुप सेंटर के डीआईजी हरविंद्र सिंह कलश को तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया है। उन्हें सीआरपीएफ के नॉर्दन सेक्टर के आईजी दफ्तर में अटैच किया गया है। इसके साथ ही कई दूसरे कर्मियों पर भी निलंबन की गाज गिरी है। सूत्रों के मुताबिक, यह मामला सामने के बाद सीआरपीएफ मुख्यालय ने इसकी गहन जांच पड़ताल कराई थी। sसूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से इस मामले को लेकर गहरी नाराजगी जताई गई। वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की जांच सौंपी गई। शीर्ष अफसरों को यह महसूस हुआ कि वाकई इस मामले से बल की छवि खराब हो रही है। यह मामला, जवानों की आर्थिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला है। जांच रिपोर्ट के आधार पर 12 अप्रैल को डीआईजी हरविंद्र सिंह कलश को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया। दूसरे कर्मियों पर भी निलंबन की गाज गिरी है। बल के एक अधिकारी ने इस मामले की शिकायत, सीडब्ल्यूए अध्यक्ष और डीआईजी ग्रुप सेंटर को दी थी। उसमें कहा गया था कि नोएडा स्थित बल के ग्रुप सेंटर में सीआरपीएफ वाइव्ज वेलफेयर एसोसिएशन ‘सीडब्ल्यूए’ द्वारा संचालित परिवार कल्याण केंद्र पर अनाधिकृत तौर से ट्रैक सूट की बिक्री हो रही है। शिकायत में यह आरोप भी लगाया गया कि इस ट्रैक सूट को ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं, ट्रैक सूट पर एक प्रतिष्ठित ब्रांड का नाम लिखा था। शिकायत करने वाले अधिकारी ने लिखा था कि यह ट्रैक सूट नकली है। इस मामले की विस्तृत जांच कराई जाए। बल के सहायक कमांडेंट राहुल सोलंकी ने अपनी शिकायत की प्रति रीजनल सीडब्ल्यूए, जीसी नोएडा, आईजी विजिलेंस, डीआईजी वेलफेयर और डीआईजी ग्रेटर नोएडा को भेजी थी। इसमें कहा गया कि परिवार कल्याण केंद्र पर अनाधिकृत तौर से ट्रैक सूट की बिक्री हो रही है। नियमों के अनुसार, परिवार कल्याण केंद्र को व्यापार का अधिकार नहीं है। यह तो जवानों और उनके परिवारों के कल्याण की संस्था है। आरोप है कि इसी से जुड़े कुछ लोग जवानों को ट्रैक सूट बेच रहे हैं। यह ट्रैक सूट, बल की वर्दी का हिस्सा नहीं है। यह भी मालूम हुआ कि ट्रैक सूट, जवानों को अधिक दामों पर जबरन बेचा गया है।