नई दिल्ली। इन दिनों भारतीय सेनाओं को हेलीकॉप्टर संकट से जूझना पड़ रहा है। चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों में उच्च दुर्घटना दर का सेनाएं पहले से ही सामना कर रही हैं। अब लगभग 330 ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर के ग्राउंड होने के कारण सेनाओं की तैयारियों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इस वजह से सैन्य अभियान व अग्रिम क्षेत्रों में टोही मिशन प्रभावित हुए हैं।
एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर का सबसे बड़ा बेड़ा थलसेना के पास है। अभी सेना के पास 180 से अधिक एएलएच हेलीकॉप्टर हैं। इनमें से 60 हथियारबंद रुद्र हेलीकॉप्टर हैं। युसेना के पास 75, नौसेना के पास 24 और तटरक्षक बलों के पास 19 ऐसे हेलीकॉप्टर हैं। इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने किया है। पहली बार साल 2002 में इन्हें सेना में शामिल किया गया था।चीन और पाकिस्तान सीमा पर सशस्त्र बल खोज, विजिलेंस, टोही मिशन और बचाव अभियान के लिए इन हेलीकॉप्टरों पर काफी निर्भर हैं। मगर पिछले तीन महीने से इन अभियानों में भारी रुकावट देखने को मिल रही है। इसका असर एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर के पायलटों पर पड़ रहा है। उन्हें अब केवल सिमुलेटर पर अभ्यास करना पड़ रहा है।