
कोरबा। नगर पंचायत क्षेत्र में पशु चिकित्सालय भवन निर्माण के लिए शासकीय जमीन नहीं मिलने से पिछले 7-8 महीने से अधर में लटकी हुई है वहीं पशु चिकित्सालय भवन निर्माण को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा सुध नहीं लिए जाने से उक्त राशि शासन को वापस किया जा सकता है। वहीं गौ सेवको में स्वीकृत राशि वापस होने की चिंता सताने लगी है।
नगर में पशु चिकित्सालय भवन नहीं होने से किराए एवं शाला सहेली भवन में वैकल्पिक व्यवस्था कर संचालित किया जा रहा है परंतु वैकल्पिक भवन में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से जानवरों की उपचार करने में परेशानी होती है, पशु चिकित्सालय भवन की मांग नगरवासियों द्वारा लम्बे समय से की जा रही थी । नगरवासियों की मांग पर शासन द्वारा नगर में पशु चिकित्सालय भवन निर्माण हेतु लगभग 13 लाख राशि स्वीकृत की गई परंतु नगर में शासकीय जमीन उपलब्ध नहीं होने से शासकीय भवन पिछले 7-8 माह से अधर में लटकी हुई हैं । नगर क्षेत्र के शासकीय जमीन जमीन दलालों के भेंट चढ़ जाने से शासकीय योजना के तहत बनने वाले भवन अवरोध होने से योजना की राशि वापस हो जा रही है। बताया जाता है ग्राम पंचायत शासन के दौरान तत्कालीन सरंपच एवं जमींदार स्व . किशोर चंद्र प्रताप सिंह (कुमार साहब ) तत्कालीन उपसरपंच और पंचों द्वारा पशु चिकित्सालय भवन निर्माण हेतु मुख्य सडक किनारे खसरा नम्बर 1619 को प्रस्ताव पारित कर सुरक्षित रखा गया था जिसे वर्तमान में कब्जा किया जा चूका है। वहीं जनप्रतिनिधि वोटबैंक के कारण अवैध कब्जा को मुक्त कराने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं । इसके पहले भी 100 बिस्तर अस्पताल नगर क्षेत्र में बनाए जाना था परन्तु शासकीय जमीन उपलब्ध नहीं होने से उक्त अस्पताल भवन को अन्यत्र भेज दिया गया और बडी योजना से क्षेत्र वासियों को वंचित होना पड़ा। नगर के गौ सेवकों का कहना है भवन के लिए जमीन आबंटन की मांग नगर अध्यक्ष से की गई है जिनके द्वारा भूमि देने की आश्वासन दिया गया है।












