
दिल्ली। वैसे तो पिछले 5 साल से देशभर में ‘बायकॉट चाइना’ की मुहिम चल रही है, असर हो भी रहा है. लेकिन चीन तभी सबक सिखेगा, जब उसके लिए भारतीय बाजार बंद हो जाएगा. चीन के लिए भारतीय बाजार तब बंद होगा, जब देश के लोग स्वदेशी प्रोडक्ट्स को अपनाएंगे. सरकार भी स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए लगातार अभियान चला रही है, ‘लोकल फोर वोकल’ उसी का एक हिस्सा है. जब आप अपने आसपास बनी चीजों को खरीदेंगे, तो घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही विदेशी प्रोडक्ट्स की डिमांड घटेगी. भारत एक त्योहारों का देश है, हर महीने कोई-न-कोई त्योहार होता है. लोग त्योहार पर जमकर खरीदारी करते हैं, इस खरीदारी असर देश की इकोनॉमी पर भी होता है. लेकिन जब आप पूर्ण रूप से देशी सामान खरीदेंगे, तो देश और तेजी से आगे बढ़ेगा, स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. दरअसल, हर त्योहार पर बाजार में स्वदेशी और विदेशी सामान होते हैं, अधिकतर लोग सस्ते के चक्कर में विदेशी सामान खरीद लेते हैं, अब जब आप विदेशी सामान खुद खरीदेंगे, तो उसकी डिमांड को बढ़ती रहेगी और चीन जैसे देश का भारतीय बाजार पर कब्जा बरकरार रहेगा. आप खुद सोचिए क्या आपको दिवाली पर चाइनीज लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और झालर खरीदनी चाहिए? क्या आपको होली पर चाइनीज रंग-पिचकारी खरीदनी है? क्या आपको बाकी त्योहारों पर विदेशी सामान खरीदना चाहिए? कुछ लोगों का तर्क होता है कि विदेशी सामान सस्ते में मिल जाते हैं. लेकिन सच ये है कि जब आप स्वदेशी सामान नहीं खरीदेंगे, तो उसका प्रोडक्शन नहीं बढ़ेगा, और जब डिमांड नहीं बढ़ेगी तो उसकी कोस्ट कम कैसे होगी. इसलिए जब हर भारतीय संकल्प ले लेंगे, कि हर हाल में मुझे विदेशी सामान का बायकॉट करना है और स्वदेशी अपनाना है तो फिर बायकॉट चाइना मुहिम का असर होगा.