बलौदा। नगर पंचायत बलौदा में िपछले 9 महीने से इंजीनियर नहीं है। सितंबर 2024 के बाद से अब तक यहां स्थाई इंजीनियर को पदस्थ नहीं किया गया है। इस अवधि में कोटा, चांपा, मल्हार, जांजगीर जैसे दूरस्थ निकायों के इंजीनियरों को यहां अतिरिक्त प्रभार में भेजा गया। वह भी सप्ताह में दो दिन के लिए। इसमें दूसरा दिन शनिवार है, जो कि सरकारी छुट्टी का दिन होता है।
ये सभी इंजीनियर एक सप्ताह या अधिकतम दो सप्ताह में बदल दिए गए, जिससे कोई भी कार्य आगे ही नहीं बढ़ पाया। कई विकास कार्यों के टेंडर लगे फिर बिना इंजीनियर के खुले ही नहीं और कैंसिल भी हो गए। कैंसिल हुए कार्यों में से एक पाइप लाइन विस्तार कार्य भी था जो गर्मी में नगर के विभिन्न वार्डों में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद अहम था। कई नई नालियों के निर्माण कार्य भी इंजीनियर के बिना ले आउट के अभाव में देर से शुरू हो पाए। सामने बारिश का मौसम है। नगर के कई हिस्सों में जलभराव की समस्या होती है, उसके व्यवस्था भी बिना इंजीनियर के कैसे होगी। इसी तरह नगर के कई कार्य प्रभावित हो रहे है। आवास योजनाओं में बन रहे आवास की मॉनिटरिंग भी इंजीनियर के बिना सीएमओ द्वारा की जा रही है। जबकि उसमे तकनीकी अधिकारी की जरूरत होती है।
अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत को सौंपा ज्ञापन अकलतरा के निजी प्रवास में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत से मिलकर नगर पंचायत अध्यक्ष कविता डहरिया ने पार्षदों के साथ एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें नगर पंचायत बलौदा में स्थाई इंजीनियर की नियुक्ति की मांग की गई है। इस मौक़े पर पार्षद रामसिंह राजपूत, सुनीता शिवा देवांगन, दिलहरण दिवाकर, कांग्रेस कार्यकर्ता प्रकाश गुप्ता आदि शामिल थे।