पौड़ी उपरोड़ा क्षेत्र में धान उपार्जन समितियों का मामला
कोरबा। धान उपार्जन केंद्रों में इस समय सडक़ और भवन निर्माण कार्य तेजी से जारी है, लेकिन कार्य की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। शिकायतों के अनुसार, निर्माण स्थल पर आवश्यकतानुसार पानी का छिडक़ाव नहीं किया जा रहा, जिससे कार्य की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ रहा है।
सिविल सेक्टर के जानकार कहते हैं निर्माण के दौरान यदि नियमित रूप से पानी का छिडक़ाव नहीं किया जाए तो कंक्रीट सही तरीके से सेट नहीं हो पाता। इसका सीधा असर सडक़ की मजबूती और टिकाऊपन पर पड़ता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि बिना सही जमाव के सडक़ें जल्द ही भारी वाहनों के दबाव से टूटने और उखडऩे लगेंगी, जिससे किसानों और व्यापारियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निगरानी के लिए मंडी बोर्ड के इंजीनियरों द्वारा कोई नियमित निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। निर्माण कार्य प्रारंभ होने के समय एक बार निरीक्षण अवश्य किया गया था, लेकिन उसके बाद से अब तक अधिकारियों ने स्थल का दौरा नहीं किया है। इससे ठेकेदारों को मनमाने तरीके से कार्य करने की खुली छूट मिल गई है। नागरिकों ने मंडी बोर्ड और जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते निर्माण कार्य की गुणवत्ता नहीं सुधारी गई तो निकट भविष्य में ये सडक़ें टूट-फूट जाएंगी, जिससे न केवल किसानों की फसलें मंडी तक पहुंचाने में दिक्कत आएगी, बल्कि सरकार की लाखों रुपए की लागत भी बर्बाद हो जाएगी। इसलिए निर्माण में पैरामीटर का ध्यान रखना चाहिए। लोगों ने प्रशासन को इस बारे में अपनी ओर से अवगत कराया है।