
नई दिल्ली। पिछले एक-दो वर्षों के भीतर देश के कई हिस्सों से यह सूचनाएं सामने आई हैं कि कैसे फ्रॉड करने वालों ने बैंकों में निष्क्रिय पड़े बैंक खातों का इस्तेमाल किया है और इनमें बैंकिंग फ्रॉड के शिकार ग्राहकों के खातों से राशि ट्रांसफर की है।संभव है कि केंद्रीय बैंक ने इन सूचनाओं को काफी गंभीरता से लिया है और बैंकों के निष्क्रिया बैंक खातों और इनकी जमा राशि के इस्तेमाल को लेकर नये नियमों को तैयार करने का फैसला किया है। पिछले हफ्ते इन नये नियमों को मसौदा जारी किया है और आम जनता से इस पर राय मांगी है।
इस चीज को समस्या के तौर पर देख रहा RBI
लोगों के सुझाव हासिल होने के बाद अगले छह महीनों के दौरान नये नियम लागू होने की संभावना है जो निष्क्रिय बैंक खातों की निगरानी को लेकर बैंकों की मुस्तैदी और बढ़ा देगी। नये नियम का लब्बोलुआब यहीं है कि बैंक इन निष्क्रिय बैंक खातों की निगरानी को लेकर कोई ढिलाई नहीं दिखा सकते। अब उन्हें इन खातों की लगातार निगरानी करनी होगी और हर वर्ष इनकी समीक्षा करनी होगी। दो वर्षों तक बैंक ग्राहकों की तरफ से कोई लेन-देन नहीं होने पर ही बैंक खाते को निष्क्रिय घोषित किया जाएगा।