
नई दिल्ली । बढ़ते सडक़ हादसे और उनमें हर साल हो रही हजारों बच्चों की मौतों पर सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार ने देश भर के स्कूलों में यातायात सुरक्षा अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। इस दौरान प्रत्येक स्कूलों में यातायात सुरक्षा को लेकर विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएगी। इसमें बच्चों को यातायात से जुड़े नियमों की सीख जाएगी।साथ ही बताया जाएगा कि सडक़ पर चलने के दौरान उन्हें इसका किस तरह से पालन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त यातायात सुरक्षा से जुड़े पाठ को भी जल्द ही स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर सहमति बनी है। वहीं स्कूलों के आसपास के पूरे क्षेत्र को सेफ स्कूल जोन घोषित करने और स्कूली बसों व वैन को कड़े सुरक्षा मानकों से लैस करने के भी निर्देश दिए है। सडक़ हादसों से स्कूली बच्चों को बचाने केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडक़री और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में बुधवार को हुई अहम बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक में दोनों ही मंत्रालयों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के पास हुई सडक़ दुर्घटनाओं में 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इनमें करीब 10 हजार मौतें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की हुई है। बैठक में शामिल गडकरी ने दोनों ही मंत्रालयों के अधिकारियों को तत्परता के साथ इन हादसों को रोकने और देश की भावी पीढिय़ों को सुरक्षित करने के निर्देश दिए है। बैठक में इस हादसों को रोकने लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही स्कूलों में बच्चों के प्रवेश व निकास के कड़े प्रोटोकाल तैयार करने के भी निर्देश दिए है। सडक़ हादसों पर बुलाई गई इस बैठक में अधिकारियों का कहना था कि ज्यादातर स्कूलों में प्रवेश और निकास के एक ही मार्ग है। ऐसे में छुट्टी होने पर बच्चे अचानक से तेजी के साथ बाहर निकलते है। जिसमें वह हादसे का शिकार बन जाते है।इस दौरान सभी राज्यों से भी सुरक्षित स्कूल मुहिम शुरू करने के लिए कहा गया है। साथ ही स्कूल क्षेत्र को चिन्हित कर वहां स्कूल खुलने और बंद होने के समय यातायात प्रबंधन की व्यवस्था बनाने की पहल करने को कहा है।