
कोरिया बैकुंठपुर। जिला कोरिया के ग्राम गोविंदपुर सहित पाँच ग्रामों में (वॉटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट) के सह-संस्थापक पिता हरमन बखर की 101वीं जयंती के अवसर पर श्रमदान दिवस का आयोजन बड़े हर्ष और उत्साह के साथ किया गया। यह कार्यक्रम केवल गोविंदपुर में ही नहीं, बल्कि आसपास के मुरमा, डोंगरीपारा, गोविंदपुर, नरकेली और झरनापारा गांवों में सामूहिक रूप से मनाया गया। इस विशेष अवसर पर कुल 452 से अधिक ग्रामीण प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत ग्राम पंचायत भवन परिसर में सामूहिक रूप से स्वच्छता अभियान से हुई, जिसके अंतर्गत सफाई कार्य किया गया। इसके बाद प्रतिभागियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया, जिससे ग्राम में हरियाली बढ़ाने का संदेश दिया गया। साथ ही सामूहिक प्रयास से बोरी बंधान एवं लूज बोल्डर संरचना कार्य भी सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिससे जल संरक्षण और भूमि सुधार की दिशा में एक सकारात्मक पहल दर्ज हुई। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए वॉटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि संस्था द्वारा किए जा रहे विकासात्मक कार्यों से ग्रामों में सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं। ग्रामवासियों ने वॉटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट टीम के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए संस्था के निरंतर प्रयासों की सराहना की। ग्राम पंचायत के सर्पंच एवं पदाधिकारियों ने भी कार्यक्रम में भाग लेकर ग्रामीणों को श्रमदान और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। सर्पंच ने कहा कि, श्रमदान दिवस केवल सफाई या वृक्षारोपण का प्रतीक नहीं, बल्कि यह ग्रामवासियों के एकजुट होकर विकास में भागीदारी का प्रतीक है। इस अवसर पर परियोजना प्रबंधक अंशुल सिंह ने कहा कि, वॉटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट का प्रयास है कि भविष्य में भी श्रमदान जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों में सामूहिक भागीदारी बढ़े और समुदाय अपने संसाधनों के संरक्षण एवं विकास में अग्रणी भूमिका निभाए। आने वाले समय में हम इस पहल को और विस्तारित करने का प्रयास करेंगे ताकि गाँवों में स्थायी विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में और अधिक प्रभावी परिणाम प्राप्त हो सकें। समापन सत्र में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि वे आगे भी अपने ग्राम को स्वच्छ, हरा-भरा और विकसित बनाने के लिए ऐसे सामूहिक प्रयास जारी रखेंगे। यह आयोजन समुदाय विकास, पर्यावरण संरक्षण और ग्राम एकता की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण साबित हुआ।