
छिंदवाड़ा, १4 अक्टूबर ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दूषित कफ सीरप के बारे में एक एडवाइजरी जारी की है। इसके साथ ही अधिकारियों से आग्रह किया है कि अपने देशों में इन दवाओं के पाए जाने की सूचना स्वास्थ्य एजेंसी को दें। दरअसल, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से 23 नवजात बच्चों की जान गई है। इसके बाद इस कफ सीरप को भारत में कई राज्यों की सरकार ने बैन कर दिया है। इस जानलेवा कफ सीरप को लेकर डब्ल्यूएचओ ने खुद संज्ञान लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि भावित दवाएं श्रीसन फार्मास्युटिकल की कोल्ड्रिफ, रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स की रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा की रीलाइफ के विशिष्ट बैच हैं। स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि दूषित उत्पाद गंभीर जोखिम पैदा करते हैं। इसके साथ ही गंभीर संभावित रूप से जानलेवा बीमारी का कारण भी बन सकते हैं। वहीं, भारत के स्वास्थ्य प्राधिकरण, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को बताया कि सीरप का सेवन कथित तौर से पांच साल से कम उम्र के बच्चों ने किया था। बताया गया कि इस खांसी की दवा में विषाक्त डयथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा तय सीमा से करीब 500 गुना अधिक थी।