वॉशिंगटन। हार्वर्ड विश्विद्यालय अब विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे पाएंगे। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने आइवीवाई लीग स्कूल के साथ बढ़ते संघर्ष के बीच हार्वर्ड विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय छात्रों को इनरोल करने की क्षमता पर रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद अब हार्वर्ड फिलहाल विदेशी छात्रों का पंजीकरण नहीं कर पाएगा और न ऐसे छात्रों को दाखिला दे पाएंगा। फैसले में यह भी कहा गया कि हजारों मौजूदा छात्रों को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित होना होगा या फिर उन्हें देश छोडऩा होगा। आइवीवाई लीग स्कूल का मतलब उत्तरपूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में आठ सबसे प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों का समूह है, जो अपनी बेहतरीन पढ़ाई, उत्कृष्टता और सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए जाने जाते हैं। ये विश्वविद्यालय हैं- ब्राउन, कोलंबिया, कॉर्नेल, डार्टमाउथ, हार्वर्ड, प्रिंसटन, पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय और येल।होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने गुरुवार को कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा कि हार्वर्ड ने अमेरिका विरोधी, आतंकवाद समर्थक आंदोलनकारियों को परिसर में यहूदी छात्रों पर हमला करने की छूट देकर एक असुरक्षित माहौल बनाया है। आदेश में हार्वर्ड पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय करने का भी आरोप लगाया गया। आदेश में आगे कहा गया कि हार्वर्ड ने एक चीनी अर्धसैनिक समूह के सदस्यों की मेजबानी की और उन्हें प्रशिक्षण दिया। इसका ताजा वाकया 2024 में ही हुआ।होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने एक बयान में कहा, इसका मतलब है कि हार्वर्ड अब विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकता। मौजूदा विदेशी छात्रों को भी वहां से स्थानांतरित होना चाहिए या अपनी कानूनी स्थिति खोनी चाहिए और देश छोड़ देना चाहिए।सरकार का आरोप है कि हार्वर्ड में विदेशी छात्रों की ओर से हिंसक और यहूदी विरोधी गतिविधियां बढ़ीं हैं। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। विश्वविद्यालय प्रो-हमास विचारधारा (आतंकवाद समर्थक विचारों) को बढ़ावा दे रहा है। हार्वर्ड पर यह भी आरोप है कि उसने विदेशी छात्रों की गतिविधियों की पूरी जानकारी सरकार के साथ साझा नहीं की।