नई दिल्ली 05 अप्रैल। केंद्र सरकार ने जलाशयों की दूसरी राष्ट्रीय गणना की औपचारिक शुरुआत कर दी है। इससे संबंधित एक नए पोर्टल का केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने उद्घाटन किया। सरकार दूसरी जनगणना में पहली बार झरनों की गणना भी करेगी।नया पोर्टल राज्यों के जल संसाधन विभागों के लिए है, जिसमें वे जिले और ब्लॉक के आधार पर प्रविष्टियां दर्ज करेंगे। पोर्टल में झरनों की गणना के लिए अलग खंड है। दोनों गणनाओं के आंकड़े एक साथ जारी किए जाएंगे। मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार पोर्टल लांच होने का मतलब है कि अब डाटा की एंट्री की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मंत्रालय की ओर से ज्यादातर राज्यों के साथ वर्कशाप आयोजित किए जा चुके हैं। जलाशयों की गणना का काम दो साल में पूरा होने के आसार हैं। इसके पहले 2023 में पहली गणना के आंकड़े जारी किए गए थे, जिसमें यह सामने आया था कि देश में 24.24 लाख जल स्त्रोत हैं। लगभग 20000 जलाशय अतिक्रमण के शिकार हैं।मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार पहली गणना के बाद राज्यों को कई परामर्श जारी किए गए थे, जिनमें जल स्त्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त कराना भी शामिल है।
दूसरी गणना के समय यह पता चल सकेगा कि किस राज्य ने अपने जल स्त्रोतों के रखरखाव और संरक्षण के लिए कितना प्रयास किया।जल स्त्रोतों की गणना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल से जल योजना के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में चलाए जा रहे जल जीवन मिशन कार्यक्रम को लेकर कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने स्थायी और भरोसेमंद जल स्त्रोतों की उपलब्धता न होने के विषय को उठाया है।यह सबसे बड़ा कारण है, जिसके कारण जल जीवन मिशन के लक्ष्य को 2024 तक पूरा नहीं किया जा सका। इस साल बजट में सरकार ने जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ा दिया है।