कोरबा। प्रकृति के उपकार को मानने और पर्यावरण संरक्षण की सोच के साथ कोईलांचल कुसमुंडा में युवकों ने देवशयनी पद्मा एकादशी पर पौधों का रोपण किया। ऐसे पौधों में कई प्रजातियों को शामिल किया गया। इनमें से ज्यादातर पर्यावरण के लिए अनुकूल है और इनमें से कई का औषधिय व आध्यात्मिक महत्व है। अमरिक सिंह ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण आज की आवश्यकता है और पौधों का रोपण करने के लिए बारिश सबसे बेहतर मौसम है। इसके माध्यम से समाज को यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि जीवन में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी जरूरत के अलावा सामाजिक सरोकार भी जरूरी है। पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती इसलिए हर व्यक्ति अपने जीवन काल में पौधे भी जरूर लगाए। बताया गया कि हम प्रशासन की ओर से सभी तरफ लोगों को निशुल्क पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं इसलिए हर किसी की जिम्मेदारी बनती है कि वह पर्यावरण से संबंधित विषय को पूरी गंभीरता से ले और अपने आसपास के क्षेत्र में पौधों का रोपण भी करें।