प्रमुख पदों के लिए आरक्षण कल

कोरबा। प्रदेश की भाजपा सरकार ने तय किया है कि इस बार नगरीय निकायों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगें। पार्षद सहित महापौर और निकाय अध्यक्ष का चुनाव जनत खुद करेगी। पार्षदों के लिए वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पहले हो चुकी है। प्रमुख पदों के लिए आरक्षण 7 जनवरी को होगा। संभावित दावेदारों की निगाह इसी पर टिकी है।
आरक्षण का काम पूरा होने के साथ निकाय चुनाव को लेकर तैयारी का असली दौर शुरू होगा। कोरबा जिले में महापौर सहित अध्यक्षों का पिछला चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुआ था जिसमें महज कुछ पार्षदों को अपने पाले में सेट करने के साथ महापौर व अध्यक्ष निर्वाचित हो गए थे। उन्होंने बड़े मजे से पांच साल गुजारे। नफा-नुकसान को ध्यान में रखते हुए वर्तमान सरकार ने नियम बदल दिया है। उसने पिछले 15 वर्ष की व्यवस्था को बहाल करते हुए एक बार फिर प्रमुख पदों के चुनाव जनता के जरिए कराना सुनिश्चित किया है। कोरबा जिले में एक नगर निगम तीन नगर पालिका और दो नगर पंचायत हैं जहां पर आगामी समय में चुनाव होने हैं। भाजपा से संबंधित कार्यकर्ताओं और संभावित दावेदारों को ऐसा लगता है कि राज्य में सत्ता होने का लाभ मिल सकता है क्योंकि जनता मनोवैज्ञानिक रूप से सत्ता के साथ होती है। उसे मालूम होता है कि निकायों में एक जैसी विचारधारा की सरकार होने से राज्य स्तर पर उसे अपेक्षित सहयोग मिल सकता है। इसलिए स्वाभाविक रूप से हर कहीं सत्ताधारी दल के दावेदारों की संख्या ज्यादा है। निगम में पिछले चुनाव में महापौर का पद ओबीसी मुक्त रखा गया जिससे कांग्रेस के राजकिशोर निर्वाचित हो गए, हालांकि उनका पांच साल का कार्यकाल जाति प्रमाण पत्र और दूसरे कारण से विवादित रहा। इस बार जिले में एक नगर पालिका बांकीमोंगरा बनी है, उसे जीतना भाजपा के लिए प्राथमिकता है।