कोझिकोड। संघ लोक सेवा की ओर से मंगलवार को घोषित परिणामों के अनुसार सारिका अपने दाहिने हाथ का उपयोग करने में असमर्थ हैं। वह मोटर चालित व्हील-चेयर को नियंत्रित करने के लिए अपने बाएं हाथ का उपयोग करती हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के परिणाम मंगलवार को जारी हो गए। जिसके बाद केरल से दो महिलाएं चर्चा का विषय बनी हुई हैं। दोनों दिव्यांग हैं लेकिन दोनों ने कठिनाइयों को मात देकर सबसे कठिन मानी जाने वाली यूपीएसी परीक्षा उतीर्ण की है। साथ ही देश के हर नौजवान के लिए मिसाल भी बन गई हैं। सबसे पहले बात करेंगे उत्तरी केरल के जिले कोझीकोड की रहने वाली सारिका की, जो जन्म से ही सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से उन्होंने 2024 में देश की सबसे कठिन भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की। उन्होंने ऑल इंडिया जनरल मेरिट लिस्ट में 922वीं रैंक हासिल की है। संघ लोक सेवा की ओर से मंगलवार को घोषित परिणामों के अनुसार सारिका अपने दाहिने हाथ का उपयोग करने में असमर्थ हैं। वह मोटर चालित व्हील-चेयर को नियंत्रित करने के लिए अपने बाएं हाथ का उपयोग करती हैं। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद थी कि मैं इसे पास कर लूंगी। मुझे खुशी है कि मैं ऐसा कर पाई। मेरे पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। सारिका ने कहा कि उन्होंने स्नातक होने के बाद ही सिविल सेवाओं को चुनने का फैसला किया और अपने परिवार, दोस्तों और शिक्षकों के समर्थन की बदौलत इसे पास करने की उपलब्धि हासिल करने में सफल रहीं।