
कोरबा। ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक बीमारियों के जोर पकडऩे से बड़ी संख्या में मरीज मेडिकल कॉलेज अस्पताल दाखिल हो रहे हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर वार्ड की गैलरी में भी मरीजों के लिए बेड लगाने की मजबूरी आ गई है। मुख्य अस्पताल के अलावा ट्रामा सेंटर के सभी वार्ड मरीजों से भरे होने से वहां भी वार्ड की गैलरी में मरीजों के लिए बेड लगाया गया है।
अस्पतालों में बढ़ते मरीज और लगातार उपचार के लिए ओपीडी में लगी लंबी कतारे शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में वायरल फीवर और अन्य संक्रामक बीमारियों के जोर पकडऩे की ओर इंग्ति कर रही हैं। इन दिनों बारिश होने के बाद लगभग 10 दिन तक मौसम साफ रहने और दिन का तापमान बढऩे से डायरिया और वायरल फीवर बढऩे से मरीजों की संख्या जिला अस्पताल में नजर आ रही है। सुबह 8.30 बजे से ही मरीजों की कतार ओपीडी में नजर आती है। वहीं गंभीर रुप से बीमार मरीजों को वार्ड में दाखिल कराए जाने से स्थिति यह हो गई है कि पुरुष वार्ड की गैलरी में अतिरिक्त बेड लगाने की आवश्यकता पड़ गई है। उसके बावजूद दाखिल मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होने से अस्पताल प्रबंधन से ट्रामा सेंटर में सभी वार्ड में मरीजों को दाखिल कराने की सुविधा दी है। उसके बावजूद मरीजों की संख्या देखते हुए ट्राम सेंटर के हाल और गैलरी में भी अस्पताल प्रबंधन को बेड लगाना पड़ गया है। ज्यादातर मरीज कोरबा विकासखंड के ग्रामीण अंचल एवं शहर के स्लम बस्तियों के बताए गए हैं। जिनके परिजन रात में अस्पताल में ही गुजार रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन ऐसे किसी भी मरीज को अस्पताल से बाहर नहीं भेज रहे हैं जो गंभीर रुप से पीडि़त है।
हाट बाजार क्लीनिक पड़ी बंद
ग्रामीण सप्ताहिक बाजारों में पिछली सरकार के द्वारा लगाए जाने वाली हाट बाजार क्लीनिक अब नहीं लग रही है। इससे भी आम ग्रामीणों का होने वाला उपचार बंद पड़ा है। पूर्व सरकार के समय हाट बाजार क्लीनिक शुरु किए जाने से आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोग खरीदारी करने के साथ अपना उपचार भी कराते थे।
वहीं अस्पताल प्रबंधन सुबह 11 बजे से अपनी टीम को हाट बाजार में कैंप लगाने के लिए रवाना कर देता था। जहां स्वास्थ्य कार्यकर्ता के साथ आयुर्वेद चिकित्सक भी मौजूद रहते थे। किंतु वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में लग रहे हाट बाजारों में क्लीनिक नहीं लग रहे हैं। इसके पीछे स्वास्थ्य अमला का कहना है कि उन्हें हाट बाजार तक आने जाने के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराई जाती।