नईदिल्ली, २० मार्च । आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा एजेंसी की ओर से उन्हें जारी किए गए कई समन को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। इस पर ईडी ने जवाब देने के लिए कहा और मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाया। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी केजरीवाल की ओर से पेश हुए और उन्होंने याचिका का विरोध करते हुए ईडी की दलीलों पर आपत्ति जताई। कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 22 अप्रैल 2024 तय की है याचिका में केजरीवाल ने तर्क रखा कि सभी समन गैरकानूनी है और निचली अदालत की ओर से उनके खिलाफ नोटिस जारी किए जाने के बावजूद ईडी व सीबीआई बार-बार समन जारी कर रही है। यह मात्र राजनीतिक रूप से जारी किए गए है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए सिंघवी से पूछा, पको कॉल अटेंड न करने से कौन रोक रहा है। आम तौर पर प्रथा यह है… हमने भी कई मामले किए हैं। ईडी पहले या दूसरे दिन गिरफ्तार नहीं करती। जब आधार होते हैं, तो वे कारण दर्ज करते हैं और उसके बाद वे ऐसा करते हैं। इस पर सिंघवी ने जवाब दिया, केजरीवाल कोई आम अपराधी नहीं हैं…वो कहां भाग सकते हैं। क्या समाज में उनसे ज्यादा जड़ें किसी की हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल पेश होंगे, लेकिन उन्हें सुरक्षा और कोई कठोर कदम उठाने का आदेश नहीं चाहिए।