
कोरबा। नगर सैनिक वैसे तो शासकीय सेवक में नहीं आते और एक वालिंटियर के रूप में प्रदेश भर में सेवा दे रहे हैं। जिले भर में भी विभिन्न थाना, चौकियों, खनिज विभाग, परिवहन, आबकारी विभाग में कर्मियों की कमी को पूरा कर रहे हैं। कई सिपाही एक ही जगह 10-10 साल से तैनात हैं और इनके कारण कई कर्मियों को ऐसे स्थानों पर पोस्टिंग नहीं मिल पाती। कम तनख्वाह में सेवक के रूप में काम करने वाले कई सिपाही आज भी लाईन में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और इन्हें सालों से थाना ,चौकियों, खनिज, परिवहन, आबकारी विभाग में जगह नहीं मिल पा रही है और ये हालांकि सार्वजनिक रूप से नहीं बोल पाते लेकिन मन में कसक जरूर है। कई सैनिक उरगा में ही 10 सालों से जमे हैं और कई जगह से इन सैनिकों द्वारा वर्दी के दुरूपयोग की शिकायतें आ रही हैं। कई लोगों ने डिस्टिक्ट कमाडेंट का इस ओर ध्यान आकृष्ट भी कराया है। उधर डिस्टिक्ट कमाडेंट पीबी सिदार ने कहा है कि सैनिक शासकीय सेवक के तौर पर नहीं बल्कि एक वालिंटियर के रूप में देश की सेवा कर रहे हैं और कम तनख्वाह मिलने के कारण रोजी रोटी किसी तरह चला रहे हैं और परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। दूसरी तरफ देखें तो कुछ सैनिक वर्दी का रौब दिखाकर वर्दी का दुरूपयोग भी कर रहे हैं। बीच-बीच में इस तरह के कई मामले सामने आते रहे हैं, ऐसे सैनिकों की पहचान कर इन्हें एक ही जगह से अन्यत्र स्थानांतरित करना आवश्यक है, ताकि इनके द्वारा वर्दी का दुरूपयोग रोका जा सके।
इसलिए दी गई पास में पोस्टिंग : सिदार
जिला कमाडेंट पीबी सिदार ने कहा कि ये कम तनख्वाह में देश की सेवा कर रहे हैं और उन्हें नजदीक की जगह में पोस्टिंग दी जाती है ताकि कम खर्चे में परिवार चला सकें ।