
बैंक की ओर से धनेश ने की पैरवी
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक बालको शाखा से एक लाख रुपए का ऋण लेकर उसे समय पर न लौटाने एवं ऋण उन्मोचन हेतु अभियुक्त द्वारा परिवादी बैंक को जारी किए गए चेक के अनादरित (बाउंस) होने से अभियुक्त को एक माह की साधारण सजा सुनाते हुए एक लाख रुपए प्रतिकर के रूप में बैंक को देने का आदेश अदालत द्वारा पारित किया गया है।
जानकारी के अनुसार रामबाबू पांडेय पिता शियावल्लभ पांडेय उम्र 42 वर्ष निवासी मकान नं.498 सेक्टर-5 ए-टाइप अंबेडकर भवन के पीछे बालकोनगर द्वारा लेडिज गारमेन्ट्स के व्यवसाय हेतु छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के बालकोनगर शाखा से एक लाख रुपए का ऋण प्राप्त किया गया था जिसे अदा करने के लिए उसके द्वारा परिवादी बैंक को 1 लाख 3 हजार 35 रुपए की राशि का चेक प्रदान किया गया। पर्याप्त राशि के अभाव में चेक डिस्ऑनर हो गया। बैंक ने अधिवक्ता के जरिए व्यक्ति को सूचना दी। इसके पश्चात् भी वह रकम चुकाने में असफल रहा। हालांकि उसने प्रकरण के विचारण के दौरान बैंक में जाकर 60 हजार रुपए का भुगतान किया है जिसे समायोजित किया गया। इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए न्यायाधीश कुमुदनी गर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोरबा द्वारा गत दिनों प्रकरण में अभियुक्त को दोषी पाते हुए एक माह का साधारण कारावास से दंडित करते हुए रुपए एक लाख प्रतिकर के रूप में बैंक को अदा करने की सजा सुनाई गई। समय पर बैंक को रकम नहीं लौटाने पर अभियुक्त को एक महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई गई है। परिवादी बैंक की ओर से प्रकरण की पैरवी अधिवक्ता धनेश कुमार सिंह द्वारा की गई।