सक्ती-मालखरौदा। मालखरौदा में अंधे कत्ल की पहेली पुलिस ने सुलझा ली है। दरअसल जमीन विवाद में डेढ़ लाख रुपए में सरपंच पति ने हत्या की सुपा नंदकुमार को दी। फिर नंद कुमार ने सो रहे युवक के घर में घुसकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को आग के हवाले कर दिया,फिर सुपारी लेकर फरार हो गया। – पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना मालखरौदा थाना क्षेत्र के गांव अंडी की है। पुलिस के अनुसार 29 फरवरी की रात ग्राम अंडी निवासी भरत लाल भारद्वाज (67) का किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जोगीडबरी के पास स्थित उसे घर में हत्या कर जला दिया गया था। शव अधजले हालत में मिलने पर मृतक के परिजन द्वारा धाना मालखरौदा को सूचना दी गई। थाना प्रभारी मालखरौदा द्वारा मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। बदला लेने के लिए विजय भारद्वाज ने नंदकुमार लहरे से संपर्क किया और डेढ़ लाख रुपए में उसकी हत्या करने की सुपारी दी थी। नंदकुमार को विजय और हिमांशु ने 28 फरवरी को जमगहन लेकर आए थे, विजय ने नंद कुमार और हिमांशु को बताया था कि मृतक अपने जोगीडबरी के पास घर में रात में अकेले रहता है। इस पर उनके द्वारा जगह की रेकी की गई थी। घटना दिनांक 29 फरवरी की रात 11 से 12 बजे के बीच नंदू और हिमांशु वहां पहुंचे और रूम के अंदर सोए हुए भारत लाल भारद्वाज की हत्या कर दी गई। अपने साथ लेकर पहुंचे पेट्रोल को शव पर डालकर जला दिया और सरपंच के घर पहुंच गए। जहां फिरौती की रकम लेकर हिमांशु ने नंदू को गिधौरी में छोड़ दिया। मालखरौदा राजेश चंद्रवंशी और उप निरीक्षक चंद्र प्रकाश कंवर के द्वारा टीम के साथ हर पहलुओं में बारीकी से विवेचना की जा रही थी, मामला आपसी रजिश का लग रहा था। इस संबंध में अलग-अलग सूत्रों से और तकनीकी सहायता से जानकारी एकत्र की गई। इसी दौरान पुख्ता जान को मिली कि ग्राम अंडी के सरपंच पति’ विजय भारद्वाज के साथ मृतक काफी लंबे समय से विवाद चलते आ रहा था और विजय ने उसे मरवाने का भी धमकी भी दे रखी थी। पुलिस द्वारा विजय भारद्वाज को अभिरक्षा में लेकर तकनीकी साक्ष्य और परिस्थितियों के अनुसार पूछताछ करने पर विजय ने अपने दो अन्य साथी नंदकुमार लहरे उर्फ नंदू निवासी बरतुंगा और हिमांशु खूंटे निवासी जमगहन के साथ मिलकर भारत लाल भारद्वाज की हत्या करने का षड्यंत्र रचा था। आरोपी ने मेमोरेंडम कथन में बताया कि मृतक के साथ उसका काफी समय से विवाद चल रहा था। मृतक द्वारा गांव के तालाब में तथा कुछ जमीन पर कब्जा कर लिया गया था, जिसे उसके द्वारा हटाने के लिए कहा गया था. इसी बात को लेकर उनके बीच वाद-विवाद 1 वर्ष पहले हुआ था। इसमें मृतक द्वारा गाली-गलौच कर मारने के लिए भी दौड़ाया था। इसी बात को रजिश रखते हुए विजय भारद्वाज ने भरत लाल भारद्वाज से बदला लेने के लिए ठाना था।